हल्द्वानी: सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में तैनात ऑउटसोर्स नर्सिंग स्टाफ ने वेतन नहीं मिलने को लेकर मोर्चा खोल दिया है. उन्हें पिछले चार महीने से वेतन नहीं मिला है. वेतन के लिए नर्सिंग स्टाफ ने कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है. शुक्रवार को नर्सिंग स्टाफ के लोग काम छोड़ परिसर में एकत्र हुए और सरकार और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
कर्मचारियों का कहना है कि उनको पिछले चार माह से वेतन नहीं मिला है. कोरोना काल में उनके द्वारा किए गए कार्यों को हर कोई भूल गया है. हालात सही होने के बाद उनके साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है. अस्पताल प्रबंधन उन्हें धमका रहा है कि अगर काम नहीं करना चाहते हैं तो नौकरी छोड़ दो. अस्पताल प्रबंधन ने भी नहीं बताया कि पहले जिस कंपनी के साथ नर्सेज को रखने का अनुबंध था, उसका कांट्रेक्ट अब खत्म हो चुका है, जिससे उनमें नाराजगी है.
उग्र आंदोलन की चेतावनी: अस्पताल की नर्सों ने कहा कि उन्हें गुमराह किया जा रहा है और वे अपनी हक की लड़ाई के लिए अस्पताल परिसर में धरना देने को बाध्य होंगी और कार्य बहिष्कार वेतन नहीं मिलने तक जारी रहेगा.
पढ़ें- उत्तराखंड को मिला मोस्ट फिल्म फ्रेंडली पुरस्कार, CM धामी ने प्रदेशवासियों को दी बधाई
सरकार लेगी फैसला: इस पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ अरुण जोशी (Principal Dr Arun Joshi) का कहना है कि एवीएसएम आउटसोर्सिंग एजेंसी का सरकार से अनुबंध था, जिसके अंतर्गत इन नर्सों को नियुक्त किया गया था, जिसका कांट्रेक्ट 31 मार्च को खत्म हो चुका है. इसके बाद अब नई एजेंसी टीडीएस के माध्यम से 1 जुलाई से इन लोगों को दोबारा नियुक्ति दे दी गयी है. अब पिछले वेतन के भुगतान के लिए सरकार से वार्ता चल रही है, जिस पर निर्णय आना बाकी है कि किस प्रकार से बकाए वेतन को दिया जा सके. इस पर अस्पताल प्रबंधन कुछ नहीं कर सकता है और सरकार ही इस विषय पर फैसला लेगी.