हल्द्वानी: एड्स के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल दुनिया भर में 1 दिसंबर यानि आज वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है. एचआईवी यानी ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस एचआईवी संक्रमण एक जानलेवा बीमारी है. जागरूकता और सावधानी इसका मुख्य इलाज है. उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल की बात करें तो एचआईवी बीमारी अब धीरे-धीरे पहाड़ से मैदान तक अपने पैर पसारने लगा है.
कुमाऊं मंडल में इस वर्ष 1 अप्रैल से लेकर अक्टूबर माह तक पिछले 7 महीना की बात करें तो 293 नए एचआईवी संक्रमित मरीज सामने आए हैं. जिसमें 226 पुरुष, जबकि 61 महिलाएं जबकि तीन बच्चे और तीन बच्चे शामिल हैं. लगातार बढ़ रहे एचआईवी संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकारी योजनाएं और दावे फेल होते दिख रहे हैं. हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल स्थित कुमाऊं का एचआईवी ART सेंटर है, जहां पिछले वर्ष 2022-23 में 406 नए मरीज सामने आए थे. जिसमें 305 पुरुष, जबकि 89 महिलाएं, जबकि पांच बच्चे और सात बच्चे एचआईवी से पीड़ित नए मरीज सामने आए. इसके अलावा वर्ष 2010 से लेकर अक्टूबर 2023 तक की बात करें तो 4419 एचआईवी मरीजों की संख्या रजिस्टर हैं.
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सुशीला तिवारी अस्पताल के प्राचार्य डॉक्टर अरुण जोशी ने बताया कि सुशीला तिवारी स्थित ART कुमाऊं का एकमात्र सेंटर है, जहां एचआईवी मरीजों का इलाज किया जाता है. उन्होंने बताया कि एचआईवी के मरीजों में जागरूकता और अवेयरनेस के चलते मरीज सामने आ रहे हैं. पूर्व में बहुत से मरीज ऐसे होते थे, जो इस बीमारी को छुपा कर रखते थे. लेकिन लोगों में जागरूकता आने के चलते मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. उन्होंने बताया कि गंभीर रूप से बीमार एचआईवी मरीजों का यहां पर इलाज किया जाता है. इसके अलावा जो भी मरीज सामने आते हैं, उनको मुफ्त में इलाज के साथ-साथ जागरूक भी किया जाता है.