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हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में होगी मीजल्स- रूबेला जैसी बीमारियों की टेस्टिंग

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Published : Feb 4, 2021, 11:03 AM IST

राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में अब मीजल्स और रूबेला बीमारी के सैंपल की जांच भी हो सकेगी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने राजकीय मेडिकल कॉलेज को सैंपल जांच के लिए अनुमति दे दी है.

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राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी

हल्द्वानी: राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी ने एक और उपलब्धि हासिल की है. अब उत्तराखंड के मीजल्स, रूबेला बीमारी की निगरानी के लिए जांच के सैंपल राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी की बायोलॉजी लैब में आएंगे. मेडिकल कॉलेज के वायरोलाॅजी लैब प्रभारी डाॅ. विनीता रावत ने बताया कि राजकीय मेडिकल काॅलेज में स्थापित वायरोलाॅजी लैब में संक्रमित रोगों की त्वरित जाॅच की जाती है

बता दें कि, इससे पहले उत्तराखंड राज्य के किसी भी क्षेत्र में मीजल्स, रूबेला रोगों से संबधित सैंपलों की जांच के लिए पीजीआई लखनऊ भेजा जाता था. लेकिन अब विश्व स्वास्थ्य संगठन से राजकीय मेडिकल हल्द्वानी को बायोलॉजी लैब के सैंपलों की जांच की अनुमति मिल गई है. डब्ल्यूएचओ ने अनुमति देने से पहले कई चरणों में सैंपलों की जांच करने के लिए पैनल दिए थे. जिसमें सभी पैनलों में राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी ने पास कर लिया है, जिसके बाद डब्ल्यूएचओ ने वीआरडीएल हल्द्वानी को अपनी लैबोरेट्री नेटवर्क की लिस्ट में शामिल कर लिया है.

मेडिकल कॉलेज के बायोलॉजी लैब प्रभारी डॉ. विनिता रावत ने बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज में स्थापित बायोलॉजी लैब में संक्रमित रोगों की तुरंत जांच की जाती है. उन्होंने बताया कि अब उत्तराखंड में रूबेला व मीजल्स रोग के सैंपलों को निगरानी के लिए बायोलॉजी लैब हल्द्वानी लाया जाएगा.

पढ़ें: उत्तराखंडः हल्द्वानी-प्रतापनगर में दर्दनाक सड़क हादसा, दो की मौत

वहीं, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य चंद्रप्रकाश भैसोड़ा ने बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने बताया कि इससे पहले आईसीएमआर बायोलॉजी लैब को राज्य में सबसे पहले कोविड की जांच करने की अनुमति मिली थी. ऐसे में अब मीजल्स, रूबेला के जांच की अनुमति मिलना मेडिकल कॉलेज के लिए बड़ी उपलब्धि है.

हल्द्वानी: राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी ने एक और उपलब्धि हासिल की है. अब उत्तराखंड के मीजल्स, रूबेला बीमारी की निगरानी के लिए जांच के सैंपल राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी की बायोलॉजी लैब में आएंगे. मेडिकल कॉलेज के वायरोलाॅजी लैब प्रभारी डाॅ. विनीता रावत ने बताया कि राजकीय मेडिकल काॅलेज में स्थापित वायरोलाॅजी लैब में संक्रमित रोगों की त्वरित जाॅच की जाती है

बता दें कि, इससे पहले उत्तराखंड राज्य के किसी भी क्षेत्र में मीजल्स, रूबेला रोगों से संबधित सैंपलों की जांच के लिए पीजीआई लखनऊ भेजा जाता था. लेकिन अब विश्व स्वास्थ्य संगठन से राजकीय मेडिकल हल्द्वानी को बायोलॉजी लैब के सैंपलों की जांच की अनुमति मिल गई है. डब्ल्यूएचओ ने अनुमति देने से पहले कई चरणों में सैंपलों की जांच करने के लिए पैनल दिए थे. जिसमें सभी पैनलों में राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी ने पास कर लिया है, जिसके बाद डब्ल्यूएचओ ने वीआरडीएल हल्द्वानी को अपनी लैबोरेट्री नेटवर्क की लिस्ट में शामिल कर लिया है.

मेडिकल कॉलेज के बायोलॉजी लैब प्रभारी डॉ. विनिता रावत ने बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज में स्थापित बायोलॉजी लैब में संक्रमित रोगों की तुरंत जांच की जाती है. उन्होंने बताया कि अब उत्तराखंड में रूबेला व मीजल्स रोग के सैंपलों को निगरानी के लिए बायोलॉजी लैब हल्द्वानी लाया जाएगा.

पढ़ें: उत्तराखंडः हल्द्वानी-प्रतापनगर में दर्दनाक सड़क हादसा, दो की मौत

वहीं, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य चंद्रप्रकाश भैसोड़ा ने बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने बताया कि इससे पहले आईसीएमआर बायोलॉजी लैब को राज्य में सबसे पहले कोविड की जांच करने की अनुमति मिली थी. ऐसे में अब मीजल्स, रूबेला के जांच की अनुमति मिलना मेडिकल कॉलेज के लिए बड़ी उपलब्धि है.

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