हल्द्वानी: सरकारी धान क्रय केंद्रों (Government Paddy Purchase Center) पर किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. पूरे मामले में बाट तोल विभाग ने 37 धान क्रय केंद्रों के खिलाफ नोटिस जारी कर जवाब (Action on paddy purchase centers) मांगा है. जिसमें 27 सरकारी धान क्रय कांटे, जबकि 10 निजी आढ़ती धान क्रय कांटे शामिल हैं.
गौर हो कि उप नियंत्रक कुमाऊं मंडल (Deputy Controller Kumaon Division) बाट माप विभाग गोविंद सिंह रावत ने कहा है कि इस समय सरकारी और निजी क्रय केंद्र द्वारा सरकार के लिए धान की खरीद की जा रही है. जहां बाट माप विभाग द्वारा बाट और तौल कांटों के सत्यापन की कार्रवाई की गई. विभाग द्वारा 70 धान क्रय केंद्रों पर अभी तक निरीक्षण किया गया, जिसमें 37 क्रय केंद्रों पर उनके बाट और कांटों की जांच पड़ताल की गई. प्रथम दृष्टया में पाया गया कि क्रय केंद्रों पर संचालित कांटों का विभाग द्वारा सत्यापन नहीं कराया गया था और कई में सत्यापन की मोहर भी नहीं लगी थी.
जिसके बाद 37 क्रय केंद्रों के खिलाफ चालान और नोटिस की कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि क्रय केंद्रों पर धान बेचने आ रहे किसानों के साथ धोखाधड़ी की संभावनाएं हो सकती हैं. ऐसे में इन क्रय केंद्रों से नोटिस और चालान की कार्रवाई कर जवाब मांगा गया है. उन्होंने कहा कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर इन धान क्रय केंद्रों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी. वहीं सबसे अधिक मामले उधम सिंह नगर से सामने आए हैं.
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गौरतलब है कि 42 क्रय एजेंसियों के माध्यम से पूरे प्रदेश से धान की खरीद हो रही, जहां 299 सरकारी खरीद केंद्र बनाए गए हैं. इसके अलावा निजी एजेंसियों और निजी मिलर्स के माध्यम से भी धान की खरीद हो रही है, जहां 471 निजी एजेंसियां भी धान की खरीद कर रही है. इस साल धान खरीद सीजन में सरकारी क्रय एजेंसियों के माध्यम से 3 लाख मीट्रिक टन, जबकि निजी एजेंसियों के माध्यम से छह लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है.