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सूरत कांड से भी नहीं लिया सबक, हल्द्वानी में कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा राम भरोसे - सूरत कोचिंग सेंटर

कुमाऊं के सबसे बड़े महानगर हल्द्वानी में छात्र बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए यहां आते हैं. हल्द्वानी में 2 दर्जन से अधिक बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं, जहां सैकड़ों छात्र कोचिंग लेते हैं. लेकिन इन कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा राम भरोसे ही चल रही है.

हल्द्वानी के कोचिंग सेंटर
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Published : May 29, 2019, 3:27 PM IST

हल्द्वानी: गुजरात के सूरत में कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद पूरे देश में कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. कुमाऊं के सबसे बड़े महानगर हल्द्वानी में भी कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा राम भरोसे ही चल रही है. आलम ये है कि कई दर्जनों कोचिंग सेंटर बिना एनओसी के चल रहे हैं. हालांकि, अग्निशमन विभाग के अधिकारी अब जल्द ही ऐसे सभी कोचिंग सेंटर पर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.

मौत की छांव में पढ़ाई कर रहे हजारों छात्र-छात्राएं.

कुमाऊं के सबसे बड़े महानगर हल्द्वानी में छात्र बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए यहां आते हैं. हल्द्वानी में 2 दर्जन से अधिक बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं, जहां सैकड़ों छात्र कोचिंग लेते हैं. लेकिन इन कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा राम भरोसे ही चल रही है. यहां ना तो अग्निशमन मानकों को पूरा किया गया है और ना ही ज्यादातर कोचिंग सेंटरों में एंट्री और एग्जिट प्वाइंट बनाए गये हैं. ऐसे कई कोचिंग सेंटर लंबे समय से यहां संचालित हो रहे हैं.

फायर विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इक्का-दुक्का कोचिंग सेंटर ही ऐसे हैं, जिन्होंने एनओसी ली है. बाकी सब अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं. फायर विभाग के अधिकारियों ने सूरत में हुए हादसे के बाद 35 कोचिंग सेंटरों की जांच की तो उनमें दो कोचिंग सेंटर ही मानकों का पालन करते नजर आए. हालांकि, अग्निशमन विभाग अब जल्द सभी पर कार्रवाई करने का दावा कर रहा है.

हल्द्वानी: गुजरात के सूरत में कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद पूरे देश में कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं. कुमाऊं के सबसे बड़े महानगर हल्द्वानी में भी कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा राम भरोसे ही चल रही है. आलम ये है कि कई दर्जनों कोचिंग सेंटर बिना एनओसी के चल रहे हैं. हालांकि, अग्निशमन विभाग के अधिकारी अब जल्द ही ऐसे सभी कोचिंग सेंटर पर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.

मौत की छांव में पढ़ाई कर रहे हजारों छात्र-छात्राएं.

कुमाऊं के सबसे बड़े महानगर हल्द्वानी में छात्र बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए यहां आते हैं. हल्द्वानी में 2 दर्जन से अधिक बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं, जहां सैकड़ों छात्र कोचिंग लेते हैं. लेकिन इन कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा राम भरोसे ही चल रही है. यहां ना तो अग्निशमन मानकों को पूरा किया गया है और ना ही ज्यादातर कोचिंग सेंटरों में एंट्री और एग्जिट प्वाइंट बनाए गये हैं. ऐसे कई कोचिंग सेंटर लंबे समय से यहां संचालित हो रहे हैं.

फायर विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इक्का-दुक्का कोचिंग सेंटर ही ऐसे हैं, जिन्होंने एनओसी ली है. बाकी सब अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं. फायर विभाग के अधिकारियों ने सूरत में हुए हादसे के बाद 35 कोचिंग सेंटरों की जांच की तो उनमें दो कोचिंग सेंटर ही मानकों का पालन करते नजर आए. हालांकि, अग्निशमन विभाग अब जल्द सभी पर कार्रवाई करने का दावा कर रहा है.

Intro: स्लग-, राम भरोसे शहर के कोचिंग सेंटर और मॉल।( बाइट विजुअल मिल से उठाएं)

रिपोर्टर - भावनाथ पंडित हल्द्वानी।

एंकर-गुजरात के सूरत में कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद पूरे देश में कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। कुमाऊं के सबसे बड़े महानगर हल्द्वानी में भी कोचिंग सेंटरों और मॉलों की सुरक्षा राम भरोसे है पूरे कुमाऊं से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के लिए कोचिंग करने के लिए छात्र हल्द्वानी आते हैं लेकिन यहां उनकी सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं यही नहीं दर्जनों कोचिंग सेंटर बिना एनओसी के चल रहे हैं।


Body:कुमाऊं का सबसे बड़ा महानगर हल्द्वानी जहां कुमाऊं के छह जिलों से छात्र बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए हल्द्वानी आते हैं और यहां के कई दर्जनों कोचिंग सेंटरों में दाखिला लेते हैं लेकिन गुजरात के सूरत में कोचिंग सेंटर में लगी आग के बाद कोचिंग सेंटरोंकी सुरक्षा पर सवाल खड़े हुए ।जिसके बाद प्रशासन भी हरकत में आया लेकिन हल्द्वानी में 2 दर्जन से अधिक बड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं जहां सैकड़ों छात्र कोचिंग लेते हैं लेकिन इन कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा राम भरोसे है। यही नहीं शहर के दर्जनों बड़े ऐसे मॉल हैं जो अग्निशमन सुरक्षा के मानकों में पूरी तरह से फेल है। कई कोचिंग सेंटर दो कमरे के मकान में चल रहा है तो कोई मॉल के खंडहर में ।ना तो अग्निशमन मानकों को पूरा किया गया है ना ही ज्यादातर कोचिंग सेंटरों में एंट्री और एग्जिट प्वाइंट हैं ऐसे में फायर विभाग की एनओसी लिए बिना कई बड़े कोचिंग सेंटर लंबे समय से संचालित हो रहे हैं ।खुद फायर विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इक्का-दुक्का कोचिंग सेंटर ऐसे हैं जिन्होंने एनओसी ली है और बाकी सब अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं ।फायर विभाग के अधिकारियों ने सूरत हादसे के बाद 35 कोचिंग सेंटरों की जांच की तो उसमें से दो कोचिंग सेंटर ही मानकों का पालन करते नजर आए ।हालांकि अग्निशमन विभाग जल्द सभी पर कार्रवाई की बात कर रहा है।

स्लग-जगदीश चंद्र अग्निशमन ऑफिसर


Conclusion:पहाड़ों से बेहतर शिक्षा के लिए हर साल हजारों छात्र हल्द्वानी की ओर रुख करते हैं अगर यहां के कोचिंग इंस्टीट्यूट में सुरक्षा के मानक नहीं अपनाए गए तो इन हजारों छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है क्योंकि कोई भी अनहोनी बता कर नहीं आती इसलिए प्रशासन को चाहिए कि छात्रों की सुरक्षा के प्रति किसी तरह से कोई समझौता न किया जाए
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