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कॉर्बेट आने वाले सैलानियों के लिए बुरी खबर, अब ढिकाला रेंज में नहीं कर पाएंगे रात्रि विश्राम - उत्तराखंड न्यूज

देश-विदेश में ढिकाला जोन रात्रि विश्राम के लिए प्रसिद्ध है. विदेशों से पर्यटक कॉर्बेट के ढिकाला में रात्रि विश्राम करने का मन लेकर यहां आते हैं. रात्रि विश्राम पर रोक से कॉर्बेट पार्क के राजस्व को नुकसान पहुंचेगा.

कॉर्बेट आने वाले सैलानियों के लिए बुरी खबर.
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Published : Jun 22, 2019, 11:54 PM IST

रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क में अब सैलानी रात्रि विश्राम की सुविधा का आनंद नहीं उठा पाएंगे. कॉर्बेट प्रशासन ने पार्क में रात्रि विश्राम की सुविधा को बंद कर दिया है. ढिकाला में इस सुविधा के बंद होने से राजस्व में काफी नुकसान होगा.

कॉर्बेट आने वाले सैलानियों के लिए बुरी खबर.

कॉर्बेट पार्क का दिल कहे जाने वाले जोन में अब सुबह-शाम की पाली में ही सैलानी जंगल भ्रमण का आनंद उठा पाएंगे. वहीं, रात्रि विश्राम के बंद होने से पार्क के राजस्व में कमी आएगी. साथ ही उसकी भरपाई करने के लिए कॉर्बेट प्रशासन ने उत्तराखंड चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को यह प्रस्ताव भेजा है. ढिकाला में फुल डे सफारी सैलानियों को कराई जा सकती है. वहीं, फुल डे सफारी का चार्ज हाफ डे सफारी से अधिक किया जा सकता है. साथ ही ढिकाला जोन को 15 जून की बजाय 20 जून को बंद किया जाए, साथ ही इसे 15 नवंबर की जगह 1 नवंबर को पर्यटन के लिए खोल दिया जाए.

ये भी पढ़ें: मोदी की रैली को लेकर बोले सीएम- विपक्ष की कब्र में आखिरी कील ठोके जाने जैसी होगी स्थिति

पर्यटकों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को रोकने के लिए फ्लाइंग स्क्वायड का गठन किया गया है. कॉर्बेट प्रशासन ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट में बदलाव किए हैं. पर्यटकों की जो भी बुकिंग कैंसिल होगी उनका पूरा पैसा उन्हें वापस किया जाएगा. साथ ही पहले ऑनलाइन बुकिंग कैंसिल होने पर पर्यटक को उनका पैसा वापस नहीं किया जाता था.

रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क में अब सैलानी रात्रि विश्राम की सुविधा का आनंद नहीं उठा पाएंगे. कॉर्बेट प्रशासन ने पार्क में रात्रि विश्राम की सुविधा को बंद कर दिया है. ढिकाला में इस सुविधा के बंद होने से राजस्व में काफी नुकसान होगा.

कॉर्बेट आने वाले सैलानियों के लिए बुरी खबर.

कॉर्बेट पार्क का दिल कहे जाने वाले जोन में अब सुबह-शाम की पाली में ही सैलानी जंगल भ्रमण का आनंद उठा पाएंगे. वहीं, रात्रि विश्राम के बंद होने से पार्क के राजस्व में कमी आएगी. साथ ही उसकी भरपाई करने के लिए कॉर्बेट प्रशासन ने उत्तराखंड चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को यह प्रस्ताव भेजा है. ढिकाला में फुल डे सफारी सैलानियों को कराई जा सकती है. वहीं, फुल डे सफारी का चार्ज हाफ डे सफारी से अधिक किया जा सकता है. साथ ही ढिकाला जोन को 15 जून की बजाय 20 जून को बंद किया जाए, साथ ही इसे 15 नवंबर की जगह 1 नवंबर को पर्यटन के लिए खोल दिया जाए.

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पर्यटकों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को रोकने के लिए फ्लाइंग स्क्वायड का गठन किया गया है. कॉर्बेट प्रशासन ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट में बदलाव किए हैं. पर्यटकों की जो भी बुकिंग कैंसिल होगी उनका पूरा पैसा उन्हें वापस किया जाएगा. साथ ही पहले ऑनलाइन बुकिंग कैंसिल होने पर पर्यटक को उनका पैसा वापस नहीं किया जाता था.

Intro:नोट-इस खबर के विजुअल मेल से भेजे गये है कृपया चैक कर लें।

summary-कॉर्बेट के ढिकाला में रात्रि विश्राम की सुविधा पर रोक लग जाने से पार्क के राजस्व की हानि होना लाजमी है।जो पर्यटक देश-विदेशो से ढिकाला में रात रुकने का मन बना आते थे उनके लिए तो धक्का है इससे पर्यटन व्यवसाय पर भी असर पड़ने के आसार है।पार्क के अन्य फैसले पर्यटन के लिहाज से अच्छे है।

intro- रामनगर कॉर्बेट प्रशासन ने इन दिनों कई अहम फैसले लिए हैं जिसमें से सबसे महत्वपूर्ण जो फैसला लिया गया है कॉर्बेट पार्क के ढिकाला जोन में रात्रि विश्राम की सुविधा हमेशा हमेशा के लिए बंद कर दी गई है।


Body:v.o.- रामनगर के कॉर्बेट नेशनल पार्क में अब सैलानी रात्रि विश्राम की सुविधा का आनंद उठाने से हमेशा के लिए महरूम हो जाएंगे क्योंकि कॉर्बेट प्रशासन ने ढिकाला जोन में रात्रि विश्राम को हमेशा हमेशा के लिए बंद करने का फैसला लिया है कॉर्बेट पार्क का दिल कहा जाने वाला निकाला जॉन अब सुबह शाम की पाली में ही सैलानी यहां जंगल भ्रमण का आनंद उठा सकेंगे निकाला में रात्रि विश्राम को बंद करने का मकसद यह है कि निकाला में रात्रि विश्राम पाक के और जोन में है किसी भी कोर एरिया में रात्रि विश्राम की अनुमति नहीं है हालांकि रात्रि विश्राम के बंद होने से पाक के राजस्व में कमी आएगी उसकी भरपाई करने के लिए कॉर्बेट प्रशासन ने उत्तराखंड चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को यह प्रस्ताव भेजा है कि ढिकाला में फुल डे सफारी सैलानियों को कराई जा सकती है और फुल डे सफारी का चार्ज हाफ डे सफारी से अधिक किया जा सकता है साथ ही ढिकाला जोन को 15 जून की बजाय 20 जून को बंद किया जाए तथा इसे खोलने के लिए 15 नवंबर की जगह 1 नवंबर को पर्यटन के लिए खोल दिया जाए जिससे रात्रि विश्राम की रोग से होने वाले राजस्व की हानि को पूरा किया जा सके इसके अलावा पर्यटकों को कोर्ट में जो समस्या आती थी उनको दूर करने के लिए ऑनलाइन बुकिंग के साथ जिप्सी ओ की भी ऑनलाइन बुकिंग होगी सैलानियों को बुकिंग के साथ साथ जिप्सी का नंबर चालक का नाम मोबाइल नंबर भी भेज दिया जाएगा इसके साथ ही पर्यटकों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को रोकने के लिए फ्लाइंग स्क्वायड का गठन किया गया है कॉर्बेट प्रशासन ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट में बदलाव किए हैं पर्यटकों की जो भी बुकिंग कैंसिल होगी उनका पूरा पैसा उन्हें वापस किया जाएगा जबकि पहले ऑनलाइन बुकिंग कैंसिल होने पर पर्यटक को उनका पैसा वापस नहीं किया जाता था तो प्रशासन का मकसद है इन सब के पीछे यह है कि किसी भी पर्यटक को असुविधा का सामना न करना पड़े आपको बता दें कि देश के किसी भी टाइगर रिजर्व में रात्रि विश्राम की सुविधा उपलब्ध नहीं है सिर्फ कॉर्बेट नेशनल पार्क में ही रात्रि विश्राम होता है।

बाइट-संजीव चतुर्वेदी(कार्यवाहक निदेशक,कॉर्बेट टाइगर रिजर्व)


Conclusion:f.v.o.-कॉर्बेट ओरशासन द्वारा लिए गये फैसले पर्यटन के लिहाज से अच्छे हो सकते है।लेकिन ढिकाला में रात्रि विश्राम बन्द किये जाने का फैसला स्थानीय पर्यटन व्यवसायियों और वन्य जीव प्रेमियों के गले उतारने वाला नही है दिखता।क्यों कि देश विदेश में ढिकाला जोन रात्रि विश्राम के लिए प्रसिद्ध है।विदेशो से पर्यटक कॉर्बेट के ढिकाला में रात्रि विश्राम करने का मन लेकर यहाँ आते है।रात्रि विश्राम पर रोक से कही ऐसा न हो यहाँ के पर्यटन व्यवसायी इस फैसले के खिलाफ सड़को पर उतर कर आंदोलन करे।
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