नैनीताल: सरोवरनगरी नैनीताल में नन्दा देवी महोत्सव का आगाज (Nanda Devi Festival in Nainital) वैदिक मंत्रों के साथ हो गया है. राम सेवक सभा द्वारा आयोजित इस महोत्सव का शुभारम्भ नैनीताल के केंद्रीय रक्षा राज्य पर्यटन मंत्री अजय भट्ट (Union Minister Ajay Bhatt), विधायक सरिता आर्य और हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने दीप प्रज्वलन कर किया.
इस दौरान केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि नंदा देवी महोत्सव को राष्ट्रीय स्तर पर लाने का प्रयास किया जाएगा. केंद्र सरकार और राज्य सरकार से हर संभव मदद समिति को दिलाई जाएगी. कार्यक्रम के बाद राम सेवक सभा से नंदा देवी की मुर्ती बनाने वाले कदली वृक्ष को लेने की लिए दल को ज्योलिकोट के भलियुटी रवाना करा गया. अब कल 2 सितंबर को कदली वृक्ष को नैनीताल लाया जाएगा, जिसका नगर भ्रमण कराए जाने के बाद कदली वृक्ष से मां नंदा सुनंदा की प्रतिमाओं का निर्माण किया जाएगा.
परम्परा है कि जिस स्थान से कदली वृक्ष लाया जाता है, उस स्थान पर वृक्षारोपण करा जाता है. कदली वृक्ष लेने गए राम सेवक सभा के दल को मां नन्दा सुनंदा देवी के धार्मिक ध्वज भी प्रदान किये गये. बता दें कि कदली वृक्ष वो केले का पेड़ होता है, जिससे नंदा सुनंदा की मुर्ति का निर्माण करा जाता है. मां नन्दा सुन्नदा के इस महोत्सव का 120 वर्ष पुराना इतिहास है.
रानीखेत में महोत्सव का आयोजन: वहीं अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में कदली वृक्ष आमंत्रण के साथ रानीखेत में 132वां नन्दादेवी महोत्सव शुरू हो (Ranikhet Nanda Devi Festival) गया. नन्दादेवी समिति के तत्वावधान में रायस्टेट से कदली वृक्ष को पूजा पाठ सम्पन्न कराकर जयकारों के साथ नगर भ्रमण के बाद नंदा देवी मंदिर परिसर में लाया गया. मां नंदा सुनंदा की मूर्ति निर्माण के लिए कदली वृक्ष लाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु रायस्टेट पहुंचे, जहां कदली वृक्षों की पुजारी विपिन चंद्र पंत ने पूजा विधान सम्पन्न कराई. पूजा में यजमान और क्षेत्रीय विधायक प्रमोद नैनवाल भी शामिल हुए.
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मुस्लिम समुदाय ने भी नंदा देवी यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को जलपान कराया. आयोजकों ने कहा कि नगर में नंदा देवी यात्रा हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल रही है. दोनों समुदाय के लोग एक-दूसरे के धार्मिक आयोजनों, त्योहारों और सुख-दु:ख में भागीदारी करते रहे हैं. नगर की वर्षों पुरानी गंगा-जमुनी तहजीब और आपसी भाईचारे को बनाए रखना चाहिए.