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अपराधों पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने तेज किया सत्यापन अभियान

नैनीताल पुलिस राज्य में बाहर से आने वाले मजदूरों का सत्यापन करेगी. पुलिस का मानना है कि उससे अपराध पर लगाम लगेगी. सत्यापन नहीं कराने के एवज में पुलिस 10 हजार रुपये का जुर्माना वसूलेगी.

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Published : Nov 24, 2019, 11:23 AM IST

Nainital

हल्द्वानी: खनन सत्र के दौरान जिले के सभी नदियों से खनन चालू हो गया है. खनन के लिए भारी संख्या में उत्तर प्रदेश, बिहार सहित अन्य प्रदेश के मजदूर यहां आकर खनन कार्य में लगे हुए हैं. वहीं शहर में बढ़ते अपराधों को देखते हुए पुलिस द्वारा मजदूरों का सत्यापन किया जा रहा है.

खनन कर रहे बाहरी मजदूरों का सत्यापन करेगी पुलिस

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा ने बताया कि अपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस नदियों में खनन में जुटे मजदूरों की सत्यापन करने जा रही है. उन्होंने बताया कि खनन कार्य में लगे अधिकतर मजदूर बाहरी हैं. ऐसे में कोई अपराधिक घटना न हो जिसके मद्देनजर उनका सत्यापन करना जरूरी है. उन्होंने बताया कि नदी में खनन कार्य में जुटे मजदूरों और उनके ठेकेदारों को निर्देशित किया जा रहा है कि अपने-अपने ठेके में काम करने वाले मजदूरों का सत्यापन कराएं. ठेकेदार और मजदूर द्वारा सत्यापन नहीं किए जाने की स्थिति में है 10 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा.

पढ़ें- रात्रि विश्राम के लिए अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंची भगवान मद्महेश्वर की डोली

गौर हो कि खनन सत्र के दौरान कई आपराधिक घटनाएं बढ़ जाती है. बाहर के मजदूर यहां अपराध को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं. जिसके बाद पुलिस के लिए अपराधी को पकड़ना मुश्किल होता है. इसी कड़ी में पुलिस अब मुहिम चलाकर खनन में लगे मजदूरों का सत्यापन करने जा रही है. बता दें, जिले के गौला नदी, नंधौर नदी, दाबका नदी में करीब 30 हजार से अधिक मजदूर हर साल खनन काम के लिए आते हैं.

हल्द्वानी: खनन सत्र के दौरान जिले के सभी नदियों से खनन चालू हो गया है. खनन के लिए भारी संख्या में उत्तर प्रदेश, बिहार सहित अन्य प्रदेश के मजदूर यहां आकर खनन कार्य में लगे हुए हैं. वहीं शहर में बढ़ते अपराधों को देखते हुए पुलिस द्वारा मजदूरों का सत्यापन किया जा रहा है.

खनन कर रहे बाहरी मजदूरों का सत्यापन करेगी पुलिस

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा ने बताया कि अपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस नदियों में खनन में जुटे मजदूरों की सत्यापन करने जा रही है. उन्होंने बताया कि खनन कार्य में लगे अधिकतर मजदूर बाहरी हैं. ऐसे में कोई अपराधिक घटना न हो जिसके मद्देनजर उनका सत्यापन करना जरूरी है. उन्होंने बताया कि नदी में खनन कार्य में जुटे मजदूरों और उनके ठेकेदारों को निर्देशित किया जा रहा है कि अपने-अपने ठेके में काम करने वाले मजदूरों का सत्यापन कराएं. ठेकेदार और मजदूर द्वारा सत्यापन नहीं किए जाने की स्थिति में है 10 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा.

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गौर हो कि खनन सत्र के दौरान कई आपराधिक घटनाएं बढ़ जाती है. बाहर के मजदूर यहां अपराध को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं. जिसके बाद पुलिस के लिए अपराधी को पकड़ना मुश्किल होता है. इसी कड़ी में पुलिस अब मुहिम चलाकर खनन में लगे मजदूरों का सत्यापन करने जा रही है. बता दें, जिले के गौला नदी, नंधौर नदी, दाबका नदी में करीब 30 हजार से अधिक मजदूर हर साल खनन काम के लिए आते हैं.

Intro:sammry- अपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए नदियों में खनन काम में लगे मजदूरों की पुलिस करेगी सत्यापन।

एंकर- खनन सत्र के दौरान जिले के सभी नदियों से खनन चालू हो गया है ।खनन के लिए भारी संख्या में उत्तर प्रदेश ,बिहार सहित अन्य प्रदेश के मजदूर यहां आकर खनन कार्य में लगे हुए हैं। मजदूरों द्वारा कोई अपराधिक घटनाएं ना की जाए इसको लेकर नैनीताल पुलिस इन मजदूरों की सत्यापन करने जा रही है।


Body:वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा ने बताया कि अपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस नदियों में खनन में जुटे मजदूरों की सत्यापन करने जा रही है। उन्होंने बताया कि खनन कार्य में लगे अधिकतर मजदूर बाहरी प्रदेश के हैं ऐसे में कोई अपराधिक घटना ना हो जिसके मद्देनजर उनका सत्यापन करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि नदी में खनन कार्य में जुटे मजदूरों और उनके ठेकेदारों को निर्देशित किया जा रहा है कि अपने अपने ठेके में काम करने वाले मजदूरों का सत्यापन कराएं। ठेकेदार और मजदूर द्वारा सत्यापन नहीं किए जाने की स्थिति में है ₹10000 का जुर्माना लगाया जाएगा।

बाइट- सुनील कुमार मीणा एसएसपी नैनीताल


Conclusion:गौरतलब है कि खनन सत्र के दौरान कई आपराधिक घटनाएं बढ़ जाती है। बाहर के मजदूर यहां अपराध को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं जिसके बाद पुलिस के लिए अपराधी को पकड़ना मुश्किल होता है ऐसे में पुलिस अब मुहिम चलाकर खनन में लगे मजदूरों का सत्यापन करने जा रही है। जिले के गोला नदी ,नंधौर नदी, दाबका नदी मैं करीब 30,000 से अधिक मजदूर हर साल खनन काम के लिए आते हैं।
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