हल्द्वानी: उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीट पर 11 अप्रैल को मतदान होना है. हालांकि, अभीतक बीजेपी और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों को घोषणा नहीं की है. लेकिन संभावित उम्मीदवारों ने जनता के दर पर पहुंचना शुरू कर दिया है. वहीं, जनता भी अपने सांसद से बीते 5 सालों की हिसाब मांग रही है. ऐसे में 2014 के लोकसभा चुनाव में नैनीताल से बीजेपी सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने जनता से कई वादे किए थे. आइए जानते हैं कोश्यारी अपने किए वादों पर कितने खरे उतरे. देखिए ग्राउंड रिपोर्ट...
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17 लाख 88 हजार 737 मतदाता वाली नैनीताल लोकसभा सीट में नैनीताल और उधम सिंह नगर जिले आते है. यहां पर 9 लाख 38 हजार के करीब पुरुष मतदाता है, जबकि 8 लाख 50 हजार के करीब महिला मतदाता है. दोनों जिलों में 15 विधानसभा सीटें है. 2014 में लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी चुनाव का मुकाबला कांग्रेस के 2 बार से सांसद केसी सिंह बाबा था. कोश्यारी ने बाबा को दो लाख 84 हजार 717 वोटों से हराया था. इन्हीं मतदाताओं ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भगत सिंह कोश्यारी को चुनकर संसद में भेजा था. वहीं, बीते लोकसभा चुनाव में भगत सिंह कोश्यारी ने वादों की झड़ी लगा दी थी.
कोश्यारी के जनता से किए वादों में जमरानी बांध, एचएमटी फैक्ट्री को पुनर्जीवित करना, औद्योगिक इकाइयों में स्थानीय लोगों को रोजगार, हल्द्वानी से मुंबई के लिए सीधी रेल सेवा समेत कई ऐसे प्रमुख मुद्दे जिनका पूरा करने का कोश्यारी ने दावा किया था. हालांकि, ये सभी वादे धरातल पर कहीं पूरे होते नहीं दिखाई दिए.
सांसद निधि खर्च करने में सबसे आगे
वैसे कोश्यारी अपनी सांसद निधि खर्च करने में प्रदेश के पांच सांसदों में सबसे आगे हैं. कोश्यारी ने बीते 5 सालों में अपने संसदीय क्षेत्र में सांसद निधि से 20 करोड़ रुपए के विकास कार्य कराए हैं.
जनता में निराशा
सांसद कोश्यारी से हल्द्वानी की जनता ज्यादा खुश नहीं है. जनता का कहना है कि कोश्यारी ने चुनाव के दौरान कई वादे और घोषणा की थी, लेकिन वो घोषणाएं अभी तक पूरी नहीं हो पाई. 2014 के चुनाव में कोश्यारी ने हल्द्वानी की जनता से जमरानी बांध निर्माण और एचएमटी फैक्ट्री को पुनर्जीवित करने का वादा किया था. जो अभी तक धरातल पर नहीं उतरा है.