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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य सरकार से नैनीताल हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, जानें वजह

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा सरकारी आवास का किराया जमा न करने पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार समेत सभी पूर्व मुख्यमंत्री को एक बार फिर से जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

Nainital High Court
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Published : Sep 14, 2020, 11:05 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा सरकारी आवास व अन्य सुविधाओं का किराया जमा न करने पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार समेत सभी पूर्व मुख्यमंत्री को एक बार फिर से जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्रियों के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दो सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा गया है.

हाईकोर्ट ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य सरकार से मांगा 2 सप्ताह में जवाब.

बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास का किराया एवं अन्य भत्तों का भुगतान 6 माह के भीतर करने के आदेश दिए थे, लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद भी मुख्यमंत्रियों की तरफ से कोई भत्ता व किराया जमा नहीं किया गया है.

पढ़ें- GROUND REPORT: स्मार्ट सिटी ने दून की सड़कों को बनाया 'बीमार', DM ने कही ये बात

इस मामले को लेकर देहरादून की रुलक लिटिगेशन संस्था ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने पिछली सुनवाई में प्रदेश के मुख्य सचिव समेत सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को जवाब पेश करने के आदेश दिए थे.

सोमवार को मुख्य रूप से प्रदेश के मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से दायर शपथपत्र पर सुनवाई हुई. शपथ पत्र में बताया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों में से भगत सिंह कोश्यारी, भुवन चन्द्र खंडूड़ी व विजय बहुगुणा ने आवास किराया जमा कर दिया है. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री स्व. नारायण दत्त तिवारी की पत्नी को भी भुगतान जमा करने का नोटिस दिया है, जो अभी तक जमा नहीं हुआ है.

नोटिस में भगत सिंह कोश्यारी पर बिजली और पानी के 11.36 लाख रुपये, विजय बहुगुणा 4.01 लाख, भुवन चंद्र खंडूड़ी पर 3.89 लाख, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक पर 10.60 लाख और नारायण दत्त तिवारी पर 21.75 लाख रुपये बकाया हैं. नारायण दत्त तिवारी का नोटिस उनकी पत्नी के नाम से भेजा गया है.

पढ़ें- अनुपमा गुलाटी हत्याकांड: दोषी राजेश गुलाटी की जमानत याचिका पर HC में सुनवाई, कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा

शपथपत्र में यह भी कहा गया है कि इस संबंध में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भी विशेष अपील दायर की है. क्योंकि कोश्यारी इस समय महाराष्ट्र के राज्यपाल और निशंक केंद्र में शिक्षा मंत्री हैं, जबकि नारायण दत्त तिवारी का निधन हो चुका है.

नैनीताल: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा सरकारी आवास व अन्य सुविधाओं का किराया जमा न करने पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार समेत सभी पूर्व मुख्यमंत्री को एक बार फिर से जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्रियों के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दो सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा गया है.

हाईकोर्ट ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य सरकार से मांगा 2 सप्ताह में जवाब.

बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी आवास का किराया एवं अन्य भत्तों का भुगतान 6 माह के भीतर करने के आदेश दिए थे, लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद भी मुख्यमंत्रियों की तरफ से कोई भत्ता व किराया जमा नहीं किया गया है.

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इस मामले को लेकर देहरादून की रुलक लिटिगेशन संस्था ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने पिछली सुनवाई में प्रदेश के मुख्य सचिव समेत सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को जवाब पेश करने के आदेश दिए थे.

सोमवार को मुख्य रूप से प्रदेश के मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से दायर शपथपत्र पर सुनवाई हुई. शपथ पत्र में बताया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों में से भगत सिंह कोश्यारी, भुवन चन्द्र खंडूड़ी व विजय बहुगुणा ने आवास किराया जमा कर दिया है. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री स्व. नारायण दत्त तिवारी की पत्नी को भी भुगतान जमा करने का नोटिस दिया है, जो अभी तक जमा नहीं हुआ है.

नोटिस में भगत सिंह कोश्यारी पर बिजली और पानी के 11.36 लाख रुपये, विजय बहुगुणा 4.01 लाख, भुवन चंद्र खंडूड़ी पर 3.89 लाख, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक पर 10.60 लाख और नारायण दत्त तिवारी पर 21.75 लाख रुपये बकाया हैं. नारायण दत्त तिवारी का नोटिस उनकी पत्नी के नाम से भेजा गया है.

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शपथपत्र में यह भी कहा गया है कि इस संबंध में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भी विशेष अपील दायर की है. क्योंकि कोश्यारी इस समय महाराष्ट्र के राज्यपाल और निशंक केंद्र में शिक्षा मंत्री हैं, जबकि नारायण दत्त तिवारी का निधन हो चुका है.

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