नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन (Cricket Association of Uttarakhand) के सेक्रेटरी महिम वर्मा व प्रवक्ता संजय गुसाईं की गिरफ्तारी पर रोक को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्य के निर्णय के आधार पर दोनों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.
नैनीताल हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए दो सप्ताह बाद की तिथि नियत की है. मामले के अनुसार सीएयू सेक्रेटरी महिम वर्मा और प्रवक्ता संजय गुसाईं ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि बीरेंद्र सेठी ने बसन्त विहार थाने में महिम वर्मा, संजय गुसाईं, मनीष झा, नवनीत मिश्रा ,पीयूष रघुवंश, सत्यम शर्मा व पारुल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. एफआईआर में कहा गया है कि बीरेंद्र सेठी का पुत्र आर्य सेठी विजय हजारे क्रिकेट मैच में उत्तराखंड क्रिकेट टीम का सदस्य था.
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ये है पूरा मामला: 11 दिसम्बर 2021 को ट्रेनिंग के दौरान मनीष झा ने उनके बेटे के साथ मारपीट व गाली गलौज की. आरोप है कि जब इसकी शिकायत उनके द्वारा महिम वर्मा से की गई तो उन्होंने 10 लाख रुपये की मांग की. नहीं देने पर बीरेंद्र सेठी के बेटे आर्य सेठी का करियर बर्बाद करने की धमकी दी. इस संबंध में उन्होंने नवनीत मिश्रा, मनीष झा व पीयूष रघुवंशी से भी बात की तो उनके द्वारा गोली मारने की धमकी दी गयी. मुकदमे में इनके खिलाफ कार्रवाई की करने की मांग की गई. जिसके खिलाफ आज इनके द्वारा उच्च न्यायालय में अपनी गिरफ्तारी पर रोक के लिए याचिका दायर की गई.