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काशीपुर: अतिक्रमण पर हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी, नोटिस जारी कर सरकार से मांगा जवाब

मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई थी.

नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : Sep 21, 2019, 11:19 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने काशीपुर के द्रोणसागर क्षेत्र में 300 मीटर के दायरे में किए गए अतिक्रमण पर सख्त रूख अपनाया है. कोर्ट ने सरकार को तीन सप्ताह में अतिक्रमण चिन्हित करने के आदेश दिए हैं. साथ ही राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

काशीपुर के द्रोणसागर में हो रहे अतिक्रमण के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने 160 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी करने के भी आदेश दिए हैं. इस मामले में शनिवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने भी अपना जवाब पेश किया था. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि करीब 200 से अधिक लोगों ने द्रोण सागर क्षेत्र में अतिक्रमण किया है.

पढ़ें- हाउस टैक्स में छूट को लेकर लागू नहीं हुआ जीओ, कांग्रेसियों ने बताया CM की जुमलेबाजी

बता दें कि उधम सिंह नगर निवासी अधिवक्ता अंकुरित राज डेविड ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि काशीपुर के द्रोण सागर झील के किनारे 300 मीटर दायरे में लोगों ने अतिक्रमण करके शॉपिंग मॉल, घर समेत दुकानों का निर्माण किया गया है. जिससे द्रोण सागर का अस्तित्व खतरे में आ गया है.

पढ़ें- पंचायत चुनावः अल्मोड़ा जिले में 2,289 नेता नहीं लड़ पाएंगे चुनाव, जानिए वजह

वहीं याचिकाकर्ता ने कहा था कि इसके संरक्षण और अतिक्रमण को हटाने के लिए उन्होंने कई बार प्रशासन से शिकायत भी की थी, लेकिन उनकी शिकायत पर सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली.

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने काशीपुर के द्रोणसागर क्षेत्र में 300 मीटर के दायरे में किए गए अतिक्रमण पर सख्त रूख अपनाया है. कोर्ट ने सरकार को तीन सप्ताह में अतिक्रमण चिन्हित करने के आदेश दिए हैं. साथ ही राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

काशीपुर के द्रोणसागर में हो रहे अतिक्रमण के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने 160 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी करने के भी आदेश दिए हैं. इस मामले में शनिवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने भी अपना जवाब पेश किया था. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि करीब 200 से अधिक लोगों ने द्रोण सागर क्षेत्र में अतिक्रमण किया है.

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बता दें कि उधम सिंह नगर निवासी अधिवक्ता अंकुरित राज डेविड ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि काशीपुर के द्रोण सागर झील के किनारे 300 मीटर दायरे में लोगों ने अतिक्रमण करके शॉपिंग मॉल, घर समेत दुकानों का निर्माण किया गया है. जिससे द्रोण सागर का अस्तित्व खतरे में आ गया है.

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वहीं याचिकाकर्ता ने कहा था कि इसके संरक्षण और अतिक्रमण को हटाने के लिए उन्होंने कई बार प्रशासन से शिकायत भी की थी, लेकिन उनकी शिकायत पर सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली.

Intro:Summary

काशीपुर के द्रोणा सागर क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण के मामले में हाईकोर्ट सख्त हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए आदेश।

Intro

नैनीताल हाईकोर्ट ने काशीपुर के द्रोणसागर क्षेत्र में 300 मीटर के दायरे में किए गए अतिक्रमण के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को 3 सप्ताह के भीतर अतिक्रमण चिन्हित करने के आदेश दिए हैं साथ ही राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।


Body:काशीपुर के द्रोणसागर में हो रहे अतिक्रमण के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने 160 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी करने के भी आदेश दिए हैं, मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्वारा अपना जवाब पेश किया गया और कहा गया कि करीब 200 से अधिक लोगों ने द्रोण सागर क्षेत्र में अतिक्रमण किया है, वही द्रोण सागर में हो रहे अतिक्रमण के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने नाराजगी व्यक्त की है।


Conclusion:आपको बता दे की उधम सिंह नगर निवासी अधिवक्ता अंकुरित राज डेविड ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि काशीपुर के द्रोण सागर झील के किनारे 300 मीटर दायरे में लोगों द्वारा अतिक्रमण कर शॉपिंग मॉल,घर समेत दुकानों का निर्माण किया गया है,जिससे द्रोण सागर का अस्तित्व खतरे में आ गया है वहीं याचिकाकर्ता ने कहा है कि इसके संरक्षण और अतिक्रमण को हटाने के लिए उसके द्वारा कई बार प्रशासन से शिकायत की गई लेकिन उनकी शिकायत पर सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली।
और आज मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 3 सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब पेश करने को कहा है साथ ही कोर्ट ने अतिक्रमणकारियों को नोटिस देने की भी आदेश दिए हैं।

बाइट- शक्ति सिंह अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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