नैनीताल: हाईकोर्ट में कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य पद पर आईएफएस संजीव चतुर्वेदी के आवेदन को खारिज करने के मामले में सुनवाई हुई. वहीं हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, केंद्र सरकार, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग समेत आयोग के सचिव पद पर चयनित रेलवे के पूर्व अधिकारी अशोक कुमार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं.
आईएफएस संजीव चतुर्वेदी ने नैनीताल हाईकोर्ट याचिका दायर कर कहा है कि कर्मचारी चयन आयोग के सदस्य पद से उनको अयोग्य घोषित करने के लिए किसी व्यक्ति द्वारा उनके प्रमाण पत्रों में चार स्थानों में हेरफेर की गई है. क्योंकि उनकी जन्म तिथि 21 दिसंबर 1974 है, जिसे गड़बड़ी कर 13 जुलाई 1962 कर दिया गया. आवेदन की अंतिम तिथि 23 मार्च 2020 थी. जिसके लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा 19 मार्च को ही सहमति पत्र या एनओसी जारी की गई. इतना ही नहीं पोस्ट ऑफिस के ट्रेकिंग रिकॉर्ड के अनुसार उनका पत्र 20 मार्च को तीन बजकर 31 मिनट पर डीओपीटी को मिल गया था. जबकि डीओपीटी के चयन दस्तावेज में पत्र प्राप्ति 29 मई है, इसके अलावा उनके अभिलेखों में अन्य गड़बड़ी भी की गई है.
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चयनित रेलवे के पूर्व अधिकारी के दस्तावेज में योग्यता के मापदंड अधूरे हैं, सेवा नियमावली का उल्लंघन किया गया है. इसके बावजूद कार्मिक राज्य मंत्री द्वारा अशोक कुमार की संस्तुति कर पीएमओ को भेज दिया और पीएमओ ने हरी झंडी दे दी. हाई कोर्ट पहुंचे संजीव चतुर्वेदी की ओर से गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. साथ ही अशोक कुमार की नियुक्ति निरस्त करने की भी मांग की है.