नैनीतालः उत्तराखंड समेत नैनीताल शहर में बंदरों और कुत्तों के बढ़ते आंतक से निजात दिलाने के लिए दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने नैनीताल नगर पालिका से 24 घंटे के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा कोर्ट ने सरकार से भी दस दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करने के कहा है.
बता दें कि नैनीताल निवासी गिरीश चंद्र खोलिया ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर किया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि नैनीताल शहर में कुत्तों का आतंक (Stray Dogs And Monkeys Attack) बढ़ता ही जा रहा है. जो अभी तक सैकड़ों लोगों को काट चुके हैं. जबकि, कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. कुछ समय पहले कुत्तों का बधियाकरण भी किया गया था. उसके बावजूद इसके इनकी संख्या बढ़ती ही जा रही है. याचिकाकर्ता ने बंदरों और कुत्तों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने की मांग की है.
इससे पहले 19 जुलाई को हुई सुनवाई में आवारा बंदरों और कुत्तों की समस्या पर नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने कड़ा रुख अपनाते हुए नगर पालिका नैनीताल को पक्षकार बनाया था. पालिका से शहर में आवारा कुत्तों और बधियाकरण किए गए कुत्तों की संख्या समेत कुत्तों द्वारा काटे गए लोगों की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था.
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इसके साथ ही नैनीताल शहर के कटखने-खूंखार कुत्तों को उनके व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए पूर्व में बनाए गए एबीसी यानी एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (Animal Birth Control Center) में रखने को कहा था. इसके अलावा राज्य सरकार को राज्य की सभी नगर पालिकाओं व ग्राम पंचायतों में इस तरह की रिपोर्ट भी पेश करने को कहा था.
गौर हो कि नैनीताल शहर में जगह-जगह कुत्तों के झुंड होने से लोगों को आवाजाही करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. रात में आवारा कुत्तों का झुंड और ज्यादा खूंखार हो जाता है. नैनीताल में तल्लीताल डांठ, कार पार्किंग तल्लीताल, फांसी गधेरा, कलेक्ट्रेट मार्ग, टोल चुंगी, मॉल रोड, मल्लीताल पंतपार्क, चाट बाजार, बड़ा बाजार और कोतवाली के पास अक्सर आवारा कुत्तों का झुंड हमेशा रहता है.
ये कुत्ते कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है. पहले भी आवारा कुत्तों के काटने (Monkeys Attack Case in Uttarakhand) से कई लोग जान जा चुकी है. पूर्व में भी हाईकोर्ट (Nainital High Court Seeks Report to Govt) ने आवारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन व नगर पालिका को कई दिशा निर्देश भी दिए थे, जिस पर कोई खास अमल नहीं किया गया था.