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जिला सहकारी समितियों के चुनाव का मामला, हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

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Published : Sep 10, 2021, 9:48 PM IST

जिला सहकारी समिति रामनगर और कोटाबाग में चुनाव टालने के मामले में हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है.

HC ने फैसला रखा सुरक्षित
हाई कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

नैनीताल: हाईकोर्ट ने दुग्ध जिला सहकारी समितियों के रामनगर और कोटाबाग में चुनाव नहीं कराने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई.

रामनगर सहकारी समिति के विरेंद्र सिंह मेहरा व कोटाबाग मायापुर समिति के शेखर चंद्र ने हाईकोर्ट में नैनीताल सहकारी चुनाव को लेकर याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि सहकारी चुनाव निर्वाचन नियमावली 2018 के तहत ऐसा कोई तथ्य नहीं है, जिसके तहत चुनाव स्थगित कराया जा सकता है. याचिका में कहा गया कि नैनीताल जिले में सहकारी समितियों के चुनाव प्रक्रिया 31 अगस्त को शुरु की गई थी, जिसमें 13 सितंबर को समितियों के चुनाव व 14 को सभापति, उपसभापति के साथ डेलिगेट के चुनाव भी होने थे.

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वहीं, रामनगर और कोटाबाग के चुनावों को यह कहते हुए चुनाव समिति ने टाल दिया कि मतदान अधिकारी संदेह के घेरे में है. इस आदेश को याचिकाकर्ताओं ने चुनौती देते हुए अन्य समितियों के साथ रामनगर और कोटाबाग में भी चुनाव कराने की मांग की थी. पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया. मामले में कोर्ट ने समस्त रिकॉर्ड के साथ नैनीताल जिला अधिकारी को पेश होने को कहा था. आदेश पर जिलाधिकारी कोर्ट में पेश हुए.

नैनीताल: हाईकोर्ट ने दुग्ध जिला सहकारी समितियों के रामनगर और कोटाबाग में चुनाव नहीं कराने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई.

रामनगर सहकारी समिति के विरेंद्र सिंह मेहरा व कोटाबाग मायापुर समिति के शेखर चंद्र ने हाईकोर्ट में नैनीताल सहकारी चुनाव को लेकर याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि सहकारी चुनाव निर्वाचन नियमावली 2018 के तहत ऐसा कोई तथ्य नहीं है, जिसके तहत चुनाव स्थगित कराया जा सकता है. याचिका में कहा गया कि नैनीताल जिले में सहकारी समितियों के चुनाव प्रक्रिया 31 अगस्त को शुरु की गई थी, जिसमें 13 सितंबर को समितियों के चुनाव व 14 को सभापति, उपसभापति के साथ डेलिगेट के चुनाव भी होने थे.

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वहीं, रामनगर और कोटाबाग के चुनावों को यह कहते हुए चुनाव समिति ने टाल दिया कि मतदान अधिकारी संदेह के घेरे में है. इस आदेश को याचिकाकर्ताओं ने चुनौती देते हुए अन्य समितियों के साथ रामनगर और कोटाबाग में भी चुनाव कराने की मांग की थी. पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया. मामले में कोर्ट ने समस्त रिकॉर्ड के साथ नैनीताल जिला अधिकारी को पेश होने को कहा था. आदेश पर जिलाधिकारी कोर्ट में पेश हुए.

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