ETV Bharat / state

पूर्व न्यायिक अधिकारी की याचिका नैनीताल HC से खारिज, लखनऊ में की थी मारपीट

Nainital High Court से पूर्व न्यायिक अधिकारी राहुल सिंह को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है. राहुल सिंह साल 2019 में उत्तराखंड उच्च न्यायिक सेवा में प्रथम स्थान आए थे, लेकिन उन पर लखनऊ में अपने सहकर्मियों से मारपीट का आरोप लगा था. जिसके चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी सेवा समाप्त कर दी थी.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 4, 2023, 10:48 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायिक सेवा में प्रथम स्थान पर आए उत्तर प्रदेश के एक पूर्व न्यायिक अधिकारी राहुल सिंह की याचिका नैनीताल हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. राहुल सिंह की उम्मीदवारी नैनीताल हाईकोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की रिपोर्ट के आधार पर निरस्त कर दी थी. जिसे राहुल सिंह ने चुनौती दी थी. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई.

दरअसल, राहुल सिंह जून 2013 से सितंबर 2014 तक उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा में तैनात रहे. इस दौरान लखनऊ के एक क्लब में रात में नशे में उनकी अपने अन्य सहकर्मियों से मारपीट हुई. इस अपराध में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 11 न्यायिक अधिकारियों की सेवा समाप्त कर दी थी. जिसमें राहुल सिंह भी शामिल थे. जिसके बाद राहुल सिंह वकालत करने लगे.

इधर, अप्रैल 2019 में उत्तराखंड उच्च न्यायिक सेवा के 6 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई. जिसमें राहुल सिंह ने भी आवेदन किया और वे मेरिट में प्रथम स्थान पर रहे, लेकिन उन्होंने अपना उक्त अपराध छुपाया था. इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहुल सिंह के बारे में जानकारी मांगी. जिसमें उनके अपराध की जानकारी थी.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड रिजर्व फॉरेस्ट में खनन अनुमति मामले पर सुनवाई, HC ने सरकार से मांगा जवाब

जिसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने फरवरी 2020 में राहुल सिंह की उम्मीदवारी खारिज कर दी. जिसे उन्होंने मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में चुनौती दी थी. इस मामले में हाईकोर्ट ने राहुल सिंह की याचिका खारिज करते हुए कहा कि एक न्यायिक अधिकारी ने क्लब में अपने सहपाठियों के साथ दुर्व्यवहार किया.

इसके बाद उसने इन आरोपों को अपनी उम्मीदवारी में छुपाया. इसके अलावा हायर ज्यूडिशरी सेवा के लिए न्यूनतम 7 साल की वकालत होना जरूरी है. जो राहुल सिंह की पूरी नहीं हुई है. लिहाजा, राहुल सिंह की हाईकोर्ट में चुनौती से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया गया है.

नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायिक सेवा में प्रथम स्थान पर आए उत्तर प्रदेश के एक पूर्व न्यायिक अधिकारी राहुल सिंह की याचिका नैनीताल हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. राहुल सिंह की उम्मीदवारी नैनीताल हाईकोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की रिपोर्ट के आधार पर निरस्त कर दी थी. जिसे राहुल सिंह ने चुनौती दी थी. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हुई.

दरअसल, राहुल सिंह जून 2013 से सितंबर 2014 तक उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा में तैनात रहे. इस दौरान लखनऊ के एक क्लब में रात में नशे में उनकी अपने अन्य सहकर्मियों से मारपीट हुई. इस अपराध में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 11 न्यायिक अधिकारियों की सेवा समाप्त कर दी थी. जिसमें राहुल सिंह भी शामिल थे. जिसके बाद राहुल सिंह वकालत करने लगे.

इधर, अप्रैल 2019 में उत्तराखंड उच्च न्यायिक सेवा के 6 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई. जिसमें राहुल सिंह ने भी आवेदन किया और वे मेरिट में प्रथम स्थान पर रहे, लेकिन उन्होंने अपना उक्त अपराध छुपाया था. इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहुल सिंह के बारे में जानकारी मांगी. जिसमें उनके अपराध की जानकारी थी.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड रिजर्व फॉरेस्ट में खनन अनुमति मामले पर सुनवाई, HC ने सरकार से मांगा जवाब

जिसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने फरवरी 2020 में राहुल सिंह की उम्मीदवारी खारिज कर दी. जिसे उन्होंने मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में चुनौती दी थी. इस मामले में हाईकोर्ट ने राहुल सिंह की याचिका खारिज करते हुए कहा कि एक न्यायिक अधिकारी ने क्लब में अपने सहपाठियों के साथ दुर्व्यवहार किया.

इसके बाद उसने इन आरोपों को अपनी उम्मीदवारी में छुपाया. इसके अलावा हायर ज्यूडिशरी सेवा के लिए न्यूनतम 7 साल की वकालत होना जरूरी है. जो राहुल सिंह की पूरी नहीं हुई है. लिहाजा, राहुल सिंह की हाईकोर्ट में चुनौती से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.