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नैनीताल हाईकोर्ट ने सड़क निर्माण के नाम पर हो रहे पेड़ों के कटान पर लगाई रोक - Nainital News

चमोली के चिड़ीखेत में सड़क निर्माण के नाम पर काटे जा रहे पेड़ों का मामला नैनीताल हाई कोर्ट पहुंच गया है. हाई कोर्ट ने पेड़ कटान पर रोक लगाते हुए डीएफओ चमोली को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

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नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Jun 2, 2020, 9:27 AM IST

नैनीताल : प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत चमोली के चिड़ाखेत, गजाखड़क, फगोटा, देवसारी व देवाल गांवों को जोड़ने वाले करीब 10 किलोमीटर मोटरमार्ग का मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट की खंडपीठ ने डीएफओ चमोली को जवाब पेश करने के आदेश देते हुए सड़क निर्माण के नाम पर काटे जा रहे पेड़ों के कटान पर रोक लगा दी है. अब मामले की अगली सुनवाई 4 जून को होगी.

बता दें कि सरकोट गांव के विनोद व अन्य ग्रामीणों की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया है कि उक्त गांवों को जोड़ने वाले इस मोटरमार्ग में कई बेशकीमती जड़ी-बूटियां व पेड़ है, इतना ही नहीं वहां कई प्राकृतिक जलस्रोत भी हैं, जिनकों सड़क बनाने के लिये काटा व नष्ट किया जा रहा है. इतना ही नहीं इसका पहले भी ग्रामीणों द्वारा विरोध किया गया हैं. बावजूद इसके 4 मई को डीएफओ गोपेश्वर की तरफ से 1038 पेड़ों के चिन्हित करने को लेकर वन क्षेत्राधिकारी को पत्र भेजा गया है.

ये भी पढ़ें: मानसून को लेकर डीएम की बैठक, अधिकारियों को दिए दिशा निर्देश

लिहाजा, पर्यावरणीय दृष्टि से अहम बांज, बुरांश व चीड़ सहित कई प्रजातियों के पेड़ों को बड़ा खतरा है और इनको काटने से बचाया जाए. जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश जारी कर पेड़ों के कटान पर रोक लगा दी है.

नैनीताल : प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत चमोली के चिड़ाखेत, गजाखड़क, फगोटा, देवसारी व देवाल गांवों को जोड़ने वाले करीब 10 किलोमीटर मोटरमार्ग का मामला नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट की खंडपीठ ने डीएफओ चमोली को जवाब पेश करने के आदेश देते हुए सड़क निर्माण के नाम पर काटे जा रहे पेड़ों के कटान पर रोक लगा दी है. अब मामले की अगली सुनवाई 4 जून को होगी.

बता दें कि सरकोट गांव के विनोद व अन्य ग्रामीणों की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया है कि उक्त गांवों को जोड़ने वाले इस मोटरमार्ग में कई बेशकीमती जड़ी-बूटियां व पेड़ है, इतना ही नहीं वहां कई प्राकृतिक जलस्रोत भी हैं, जिनकों सड़क बनाने के लिये काटा व नष्ट किया जा रहा है. इतना ही नहीं इसका पहले भी ग्रामीणों द्वारा विरोध किया गया हैं. बावजूद इसके 4 मई को डीएफओ गोपेश्वर की तरफ से 1038 पेड़ों के चिन्हित करने को लेकर वन क्षेत्राधिकारी को पत्र भेजा गया है.

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लिहाजा, पर्यावरणीय दृष्टि से अहम बांज, बुरांश व चीड़ सहित कई प्रजातियों के पेड़ों को बड़ा खतरा है और इनको काटने से बचाया जाए. जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश जारी कर पेड़ों के कटान पर रोक लगा दी है.

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