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रीता सूरी को मिलेगी सुरक्षा, HC ने दून एसएसपी को दिए आदेश - दौलत राम ट्रस्ट घोटाला

नैनीताल हाईकोर्ट ने दौलत राम ट्रस्ट घोटाले की याचिकाकर्ता रीता सूरी को सुरक्षा देने का आदेश जारी किया है. हाईकोर्ट ने दून एसएसपी को 24 घंटे में आदेश का पालन करने के लिए कहा है.

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नैनीताल
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Published : May 19, 2021, 10:11 AM IST

Updated : May 19, 2021, 11:58 AM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून की याचिकाकर्ता रीता सूरी को 24 घंटे के अंदर सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश जारी कर दिए हैं. मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने देहरादून एसएसपी को आदेश का पालन करने के लिए कहा है.

बता दें कि याचिकाकर्ता रीता ने मुख्य न्यायाधीश को प्रार्थना पत्र भेजकर कहा था कि बीते 14 मई को पुलिस विभाग ने बिना किसी आदेश के उनकी सुरक्षा हटा दी है. इसकी शिकायत उनके द्वारा 15 मई को मुख्यमंत्री, डीजीपी, एसएसपी व जिलाधिकारी देहरादून से की गई. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. रीता का कहना है कि उनको और उनके भाई राज सूरी को जान का खतरा है. लिहाज उनको सुरक्षा प्रदान की जाए.

ये है मामला

कोर्ट पहुंचीं रीता सूरी का कहना है कि उनके द्वारा देहरादून दौलत राम ट्रस्ट की 700 बीघा भूमि घोटाला केस उजागर किया गया था. इसमें एसआईटी द्वारा जांच की जा रही है, वह इस ट्रस्ट की भूमि को सरकार के खाते में जमा कराना चाहती हैं. इस वजह से भू-माफिया व प्रशासन के कुछ लोग उनको मारना चाहते हैं. इसी के तहत साजिशन उनकी सुरक्षा हटा दी गई है.

ये भी पढ़ेंः स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज को मिली Y श्रेणी सुरक्षा

इससे पहले भी याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया था कि उनको जो पुलिस प्रोटेक्शन दी गई है, उसमें पुलिस विभाग द्वारा लापरवाही बरती जा रही थी. उनका कहना था कि पुलिस विभाग द्वारा सुरक्षा के लिए दिन में तो गनर लेकिन रात में होमगार्ड की ड्यूटी लगाई जा रही थी.

साजिश के तहत राजेश की हत्या

बता दें कि रीता सूरी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उनके भाई अधिवक्ता राजेश सूरी की हत्या 30 नवंबर 2014 को तब कर दी थी, जब वह नैनीताल हाईकोर्ट से घोटालों से संबंधित केस की पैरवी करके ट्रेन से देहरादून लौट रहे थे. इस दौरान किसी शख्स ने ट्रेन में उनके भाई को जहर देकर मार दिया. उस वक्त राजेश की सभी महत्वपूर्ण फाइलें ट्रेन से गायब कर दी गई थीं.

जज क्वार्टर घोटाले का खुलासा

रीता का कहना है कि राजेश ने देहरादून के कई भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर किया था. जिसमें देहरादून बलवीर रोड स्थित जज क्वार्टर घोटाला भी शामिल है. 2003 में तत्कालीन जिलाधिकारी राधा रतूड़ी ने संपत्ति को फर्जी मानते हुए कुर्क करने के आदेश दिए थे, साथ ही किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी थी.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने देहरादून की याचिकाकर्ता रीता सूरी को 24 घंटे के अंदर सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश जारी कर दिए हैं. मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने देहरादून एसएसपी को आदेश का पालन करने के लिए कहा है.

बता दें कि याचिकाकर्ता रीता ने मुख्य न्यायाधीश को प्रार्थना पत्र भेजकर कहा था कि बीते 14 मई को पुलिस विभाग ने बिना किसी आदेश के उनकी सुरक्षा हटा दी है. इसकी शिकायत उनके द्वारा 15 मई को मुख्यमंत्री, डीजीपी, एसएसपी व जिलाधिकारी देहरादून से की गई. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. रीता का कहना है कि उनको और उनके भाई राज सूरी को जान का खतरा है. लिहाज उनको सुरक्षा प्रदान की जाए.

ये है मामला

कोर्ट पहुंचीं रीता सूरी का कहना है कि उनके द्वारा देहरादून दौलत राम ट्रस्ट की 700 बीघा भूमि घोटाला केस उजागर किया गया था. इसमें एसआईटी द्वारा जांच की जा रही है, वह इस ट्रस्ट की भूमि को सरकार के खाते में जमा कराना चाहती हैं. इस वजह से भू-माफिया व प्रशासन के कुछ लोग उनको मारना चाहते हैं. इसी के तहत साजिशन उनकी सुरक्षा हटा दी गई है.

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इससे पहले भी याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया था कि उनको जो पुलिस प्रोटेक्शन दी गई है, उसमें पुलिस विभाग द्वारा लापरवाही बरती जा रही थी. उनका कहना था कि पुलिस विभाग द्वारा सुरक्षा के लिए दिन में तो गनर लेकिन रात में होमगार्ड की ड्यूटी लगाई जा रही थी.

साजिश के तहत राजेश की हत्या

बता दें कि रीता सूरी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उनके भाई अधिवक्ता राजेश सूरी की हत्या 30 नवंबर 2014 को तब कर दी थी, जब वह नैनीताल हाईकोर्ट से घोटालों से संबंधित केस की पैरवी करके ट्रेन से देहरादून लौट रहे थे. इस दौरान किसी शख्स ने ट्रेन में उनके भाई को जहर देकर मार दिया. उस वक्त राजेश की सभी महत्वपूर्ण फाइलें ट्रेन से गायब कर दी गई थीं.

जज क्वार्टर घोटाले का खुलासा

रीता का कहना है कि राजेश ने देहरादून के कई भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर किया था. जिसमें देहरादून बलवीर रोड स्थित जज क्वार्टर घोटाला भी शामिल है. 2003 में तत्कालीन जिलाधिकारी राधा रतूड़ी ने संपत्ति को फर्जी मानते हुए कुर्क करने के आदेश दिए थे, साथ ही किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगा दी थी.

Last Updated : May 19, 2021, 11:58 AM IST
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