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रोडवेज कर्मचारियों के वेतन पर नैनीताल हाईकोर्ट सख्त, केंद्र सरकार से 2 सप्ताह में मांगा जवाब

रोडवेज कर्मचारी को वेतन न मिलने और उनके खिलाफ एस्मा लगाने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्ती अपनाते हुए केंद्र सरकार को पक्षकार बनाया है. साथ ही 2 सप्ताह के भीतर अपना जवाब शपथ पत्र द्वारा कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

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Published : Dec 10, 2019, 10:40 PM IST

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हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को बनाया पक्षकार

नैनीताल: रोडवेज कर्मचारी को वेतन न मिलने और कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा लगाने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्ती अपनाई है. ऐसा करते हुए कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को पक्षकार बनाया है और साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को 2 सप्ताह के भीतर अपना जवाबी शपथ पत्र द्वारा कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं, अब इस मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी को होगी.

हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को बनाया पक्षकार

बता दें कि रोडवेज कर्मचारी एसोसिएशन द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है, जो सरासर गलत है. सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है और सरकार व परिवहन निगम न तो संविदा कर्मचारियों को नियमित कर रहे हैं, न ही उनको नियमित वेतन दे रहे हैं. उनको पिछले 4 साल से ओवरटाइम का पैसा तक नहीं दिया है. वहीं, रिटायर्ड कर्मचारियों के देय का अभीतक भुगतान नहीं किया गया है.

यह भी पढ़ें: अगवा मासूम के साथ एक और बच्चे को पुलिस ने किया बरामद, महिला सरगना समेत 4 गिरफ्तार

वहीं, कर्मचारी यूनियन का कहना है कि सरकार और निगम का उनके साथ कई बार मांगों को लेकर समझौता हो चुका है. उसके बाद भी सरकार कर्मचारियों पर एस्मा लगाने जा रही है. साथ ही याचिका में कहा कि सरकार निगम को 69 करोड़ रुपया बकाया है. जबकि, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखंड परिवहन निगम को 700 करोड़ रुपये देना है. जिस वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं उत्तराखंड परिवहन निगम नई बसें नहीं खरीद पा रहा है जिससे यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा नहीं मिल पा रही है.

नैनीताल: रोडवेज कर्मचारी को वेतन न मिलने और कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा लगाने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्ती अपनाई है. ऐसा करते हुए कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार को पक्षकार बनाया है और साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को 2 सप्ताह के भीतर अपना जवाबी शपथ पत्र द्वारा कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं, अब इस मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी को होगी.

हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को बनाया पक्षकार

बता दें कि रोडवेज कर्मचारी एसोसिएशन द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है, जो सरासर गलत है. सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है और सरकार व परिवहन निगम न तो संविदा कर्मचारियों को नियमित कर रहे हैं, न ही उनको नियमित वेतन दे रहे हैं. उनको पिछले 4 साल से ओवरटाइम का पैसा तक नहीं दिया है. वहीं, रिटायर्ड कर्मचारियों के देय का अभीतक भुगतान नहीं किया गया है.

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वहीं, कर्मचारी यूनियन का कहना है कि सरकार और निगम का उनके साथ कई बार मांगों को लेकर समझौता हो चुका है. उसके बाद भी सरकार कर्मचारियों पर एस्मा लगाने जा रही है. साथ ही याचिका में कहा कि सरकार निगम को 69 करोड़ रुपया बकाया है. जबकि, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखंड परिवहन निगम को 700 करोड़ रुपये देना है. जिस वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं उत्तराखंड परिवहन निगम नई बसें नहीं खरीद पा रहा है जिससे यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा नहीं मिल पा रही है.

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रोडवेज कर्मचारियों को समय पर तनखा न देने और कर्मचारियों पर एस्मा लगाने के मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को बनाया पक्षकार।

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रोडवेज कर्मचारी को तनख्वाह ना मिलने और कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा लगाने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए मामले में केंद्र सरकार को पक्षकार बनाया है साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को 2 सप्ताह के भीतर अपना जवाब शपथ पत्र द्वारा कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए है, मामले की अगली सुनवाई 3 जनवरी को होगी।


Body:आपको बता दें कि रोडवेज कर्मचारी एसोसिएशन के द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है जो सरासर गलत है, सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है और सरकार व परिवहन निगम ना तो संविदा कर्मचारियों को नियमित कर रहे हैं, ना ही उनको नियमित वेतन दे रहे हैं और उनको पिछले 4 साल से ओवरटाइम का पैसा तक नहीं दिया है, वहीं रिटायर्ड कर्मचारियों के देय का अब तक भुगतान नहीं किया गया है।


Conclusion:कर्मचारी यूनियन का कहना है कि सरकार ओर निगम का उनके साथ कई बार मांगों को लेकर समझौता हो चुका है लेकिन उसके बाद भी सरकार कर्मचारियों पर एस्मा लगाने जा रही है साथ ही याचिका में कहा है कि सरकार निगम को 69 करोड़ रुपया बकाया देना है,
वही उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखंड परिवहन निगम को ₹700 देना है जिस वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है,, और उत्तर प्रदेश से 700 करोड़ लेने के लिए ना तो राज्य सरकार कोई प्रयास कर रही है, और उत्तराखण्ड सरकार भी उनका का पैसा नही दे रही है, जिस वजह से उत्तराखंड परिवहन निगम नई बसें नहीं खरीद पा रहा है ना ही यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी समेत अन्य सुविधाएं की व्यवस्था कर पा रहा है, जबकि पूर्व में कोर्ट ने बसों में सीसीटीवी समेत अन्य सुविधाएं देने के आदेश दिए थे।
आज मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश नारायण सिंह धनिक की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को पक्षकार बनाते हुए जवाब पेश करने के आदेश दिए है।

बाईट- एम सी पंत,अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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