नैनीतालः पंचायत चुनाव समेत अन्य चुनावों में वन अधिकारी और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है. मामले में नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की एकल पीठ ने राज्य सरकार, भारत निर्वाचन आयोग, राज्य चुनाव आयोग, मुख्य वन संरक्षक समेत प्रदेश के सभी डीएम को 4 हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि, पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगाने के खिलाफ बीट अधिकारी एसोसिएशन ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग के द्वारा वन अधिकारियों और कर्मचारियों की नियम विरुद्ध तरीके से पंचायत चुनावों समेत प्रदेश के अन्य चुनावों में ड्यूटी लगा रही है, जो गलत है.
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साथ ही कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के नियम हैं कि किसी भी वन अधिकारी और कर्मचारी की ड्यूटी क्षेत्र चुनाव में नहीं लगाई जा सकती. ना ही विभागीय वाहनों का प्रयोग चुनाव के दौरान किया जा सकता है, लेकिन इसके बावजूद भी राज्य निर्वाचन आयोग ने इन कर्मचारियों की ड्यूटी चुनावों में लगाई है. जिससे उनके कामकाज पर असर पड़ रहा है.
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याचिकाकर्ताओं का कहना है कि चुनाव में वन अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी की वजह से वन क्षेत्र में खनन माफिया, पेड़ माफिया समेत अवैध शिकारी वन क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं. साथ ही अवैध काम को अंजाम दे रहे हैं. इतना ही नहीं वन क्षेत्र में खनन होने की घटना के बाद विभागीय अधिकारी इन कर्मचारियों पर कार्रवाई कर रहे हैं.
इसी कड़ी में मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की एकल पीठ ने भारत निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, राज्य सरकार समेत मुख्य वन संरक्षक और प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.