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टिहरी हादसा: एंबुलेंस के देरी से पहुंचने पर HC सख्त, सरकार को फटकार लगाकर मांगा जवाब

टिहरी में 108 की लापरवाही पर हाई कोर्ट ने दिए राज्य सरकार को एक हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश. याचिकाकर्ता ने 108 सेवा पर लगाए कई आरोप.

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Published : Aug 10, 2019, 10:03 AM IST

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा एक हफ्ते में जवाब

नैनीताल: टिहरी के प्रताप नगर में मंगलवार को एक स्कूली वैन गहरी खाई में जा गिरी. इस हादसे में 9 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक बच्चे ने गुरुवार को इलाज के दौरान दम तोड़ा था. समय पर हादसे की सूचना देने के बावजूद 108 एंबुलेंस 2 घंटे देरी से मौके पर पहुंची. मामले को लेकर देहरादून निवासी अनु पंत ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा के गिरते स्तर पर नाराजगी व्यक्त की.

दरअसल, बीते दिनों टिहरी में स्कूली बच्चों की वैन खाई में गिरने के मामले में याचिकाकर्ता ने समाचार पत्रों का हवाला देते हुए कहा कि 108 एंबुलेंस सेवा समय पर नहीं पहुंची, जिस वजह से रेस्क्यू और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि कई बच्चों की मौत एंबुलेंस की देरी के कारण हुई. मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा एक हफ्ते में जवाब

याचिकाकर्ता अनु पंत का कहना है कि प्रदेश में नवंबर 2018 से शुरू हुई 108 सेवा के टेंडर में काफी अनियमितता है. उनका कहना है कि सरकार ने 108 सेवा संचालन करने का टेंडर उस कंपनी को दिया है जो पहले प्रदेश में शव वाहन चलाने का काम करती थी. वहीं याचिका में कहा गया है कि बीते 2 माह के भीतर इस कंपनी की 11 एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं क्योंकि इसमें अनुभवी ड्राइवर नियुक्त नहीं किए गए हैं.

नैनीताल: टिहरी के प्रताप नगर में मंगलवार को एक स्कूली वैन गहरी खाई में जा गिरी. इस हादसे में 9 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक बच्चे ने गुरुवार को इलाज के दौरान दम तोड़ा था. समय पर हादसे की सूचना देने के बावजूद 108 एंबुलेंस 2 घंटे देरी से मौके पर पहुंची. मामले को लेकर देहरादून निवासी अनु पंत ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा के गिरते स्तर पर नाराजगी व्यक्त की.

दरअसल, बीते दिनों टिहरी में स्कूली बच्चों की वैन खाई में गिरने के मामले में याचिकाकर्ता ने समाचार पत्रों का हवाला देते हुए कहा कि 108 एंबुलेंस सेवा समय पर नहीं पहुंची, जिस वजह से रेस्क्यू और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि कई बच्चों की मौत एंबुलेंस की देरी के कारण हुई. मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा एक हफ्ते में जवाब

याचिकाकर्ता अनु पंत का कहना है कि प्रदेश में नवंबर 2018 से शुरू हुई 108 सेवा के टेंडर में काफी अनियमितता है. उनका कहना है कि सरकार ने 108 सेवा संचालन करने का टेंडर उस कंपनी को दिया है जो पहले प्रदेश में शव वाहन चलाने का काम करती थी. वहीं याचिका में कहा गया है कि बीते 2 माह के भीतर इस कंपनी की 11 एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं क्योंकि इसमें अनुभवी ड्राइवर नियुक्त नहीं किए गए हैं.

Intro:Summry

उत्तराखंड में 108 आकस्मिक एंबुलेंस सेवा की बदहाली के मामले पर राज्य सरकार द्वारा कोर्ट में जवाब पेश ना करने पर हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार से फिर माँग जवाब।

Intro

टिहरी के प्रताप नगर में सड़क दुर्घटना में 9 स्कूली बच्चों की मौत और घटनास्थल में 108 एंबुलेंस के 2 घंटा देरी से पहुंचने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को 1 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं, साथ ही कोर्ट ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा के गिरते स्तर पर नाराजगी व्यक्त की है,,
टिहरी में स्कूली बच्चों की वैन खाई में गिरने के मामले को याचिकाकर्ता ने समाचार पत्रों का हवाला देते हुए कहा कि 108 एंबुलेंस सेवा समय पर नहीं पहुंची जिस वजह से रेस्क्यू और घायलों को अस्पताल पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा वहीं इस दौरान कई बच्चों की मौत भी हुई।


Body:आपको बता दें कि देहरादून निवासी अनु पंत ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश में नवंबर 2018 से शुरू हुई 108 सेवा के टेंडर में काफी अनियमितता है,,, और सरकार द्वारा 108 सेवा संचालन करने का टेंडर उस कंपनी को दिया है जो पहले प्रदेश में शव वाहन चलाने का काम करती थी,,



Conclusion: वहीं याचिका में कहा गया है कि बीते 2 माह के भीतर इस कंपनी की 11 एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी हैं क्योंकि इसमें अनुभवी ड्राइवर नियुक्त नहीं किए गए हैं वहीं मरीजों के उपचार के लिए मात्र 3 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारियों और टेक्नीशियन को 108 में नियुक्त किया गया है जो मरीजों के साथ खिलवाड़ है।
साथी याचिकाकर्ता का कहना है कि इससे पहले 108 सेवा का संचालन करने वाली कंपनी द्वारा कभी कोई घटना नही करी गयी और ना ही उसमे अयोग्य कर्मचारियों को नियुक्त करा गया था,,
लिहाजा 108 सेवा के लिए फिर से टेंडर करवाये जाए।
आज मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 1 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।


बाईट- अभिजय नेगी,अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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