नैनीतालः टीएचडीसी की ओर से नियुक्तियों में विकलांग आरक्षण का पालन न करने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने टीएचडीसी समेत अन्य को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं.
दरअसल, उमंग भारद्वाज ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर किया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि साल 2022 में टीएचडीसी ने कार्यपालक प्रशिक्षु/विधि अधिकारी के पांच पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था. जिसमें याचिकाकर्ता ने शारीरिक रूप से विकलांग कैंडिडेट के रूप में आवेदन किया था. साथ ही बताया था कि याचिकाकर्ता बेंचमार्क विकलांगता यानी (50 फीसदी से ज्यादा शारीरिक रूप से विकलांग) वाला व्यक्ति है. उसने इस श्रेणी में अखिल भारतीय क्लैट परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल किया है.
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याचिकाकर्ता के वकील कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कोर्ट के समक्ष दलील दी है कि टीएचडीसी ने इन नियुक्तियों में विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 का उल्लंघन किया है और बेंचमार्क विकलांगता वाले किसी उम्मीदवार का चयन किए बिना भरे गए हैं. आगे यह तर्क भी दिया गया कि यदि कोई उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिलता तो भी टीएचडीसी को विकलांग कोटे का पद अगले साल भरे जाने वाली रिक्ति के लिए बढ़ाया जाना चाहिए था.
वहीं, याचिका की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ ने टीएचडीसी में नियुक्ति पाए अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है. अब मामले की अगली सुनवाई आगामी 18 सितंबर को करेगा.