नैनीताल: हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करना प्रदेश के गृह सचिव नितेश झा को महंगा पड़ गया. न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने कोर्ट के आदेश की अवहेलना मामले पर प्रदेश के गृह सचिव नितेश झा के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी कर 3 सप्ताह के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि हरिद्वार निवासी अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि छत्तीसगढ़ के एक गरीब माता-पिता ने अपनी 14 साल की बेटी को शांतिकुंज गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ प्रणव पंड्या और उनकी पत्नी के घर काम करने के लिए छोड़ा था. लेकिन प्रणव पंड्या द्वारा 14 साल की नाबालिग के साथ 2010 से 2014 तक कई बार दुराचार किया गया, जिसकी शिकायत पीड़िता ने पंड्या की पत्नी से की थी, लेकिन उनकी पत्नी ने नाबालिग को डरा धमकाकर उसका मुंह बंद कर दिया.
याचिकाकर्ता का कहना है कि पंड्या का खाता सील करने के साथ ही उत्तराखंड में इनके द्वारा संचालित की जा रही चार्टर्ड यूनिवर्सिटी के ऊपर भी कार्रवाई की जाए. नाबालिग के साथ दुराचार के मामले पर पीड़िता के द्वारा दिल्ली के विवेक विहार में जीरो एफआईआर दर्ज करवाई गई थी, जिसे हरिद्वार ट्रांसफर कर दिया गया था.
इस मामले पर कोर्ट ने पिछले सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को आदेश दिए थे कि नाबालिग से दुष्कर्म मामले की जांच 3 महीने के भीतर पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें. लेकिन 3 माह बीत जाने के बावजूद भी मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके बाद अधिवक्ता और याचिकाकर्ता विवेक शुक्ला ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की. इसी सुनवाई के दौरान नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा ने प्रदेश के गृह सचिव नितेश झा के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है.