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श्रीनगर स्टोन क्रशर मामले में सरकार को जवाब न देना पड़ा महंगा, HC ने लगाया ₹10 हजार का जुर्माना

Srinagar Stone Crusher श्रीनगर के अलकनंदा स्टोन क्रशर मामले में सरकार को हाईकोर्ट का जवाब न देना महंगा पड़ा है. मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से तीन बार जवाब पेश करने को कहा था, लेकिन सरकार की ओर कोई जवाब नहीं दिया गया. जिस पर कोर्ट ने 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 11, 2023, 10:28 PM IST

नैनीतालः श्रीनगर के कांडा रामपुर में अलकनंदा स्टोन क्रशर संचालन का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की टेबल में है. आज मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में सुनवाई हुई. खंडपीठ ने अभी तक जवाब पेश न करने पर सरकार पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर में होगी.

बता दें कि कांडा रामपुर में अलकनंदा स्टोन क्रशर संचालन मामले में श्रीनगर के फरासू निवासी नरेंद्र सिंह सेंधवाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार को कई बार इस मामले में जवाब पेश करने के लिए समय दिया गया, लेकिन अभी तक जवाब पेश नहीं किया गया.
संबंधित खबरें पढ़ेंः श्रीनगर स्टोन क्रशर के संचालन पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, इनसे मांगा शपथ पत्र

हाईकोर्ट ने पिछले साल सरकार से पूछा था कि स्टोन क्रशर नीति में स्टोन क्रशर लगाए जाने के लिए गठित संयुक्त कमेटी में पीसीबी यानी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को क्यों शामिल नहीं किया गया? कोर्ट की ओर से सरकार को इसके लिए 3 बार जवाब पेश करने के लिए मौका दिया गया, लेकिन सरकार ने इस मामले में अभी तक जवाब नहीं दिया. जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया.

वहीं, जनहित याचिका में कहा गया है कि मानकों के विपरीत लगाए जा रहे स्टोन क्रशर से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. परंपरागत पेयजल स्रोत नष्ट हो रहे हैं और प्रसिद्ध गौरा देवी एवं राज राजेश्वरी मंदिरों के अस्तित्व को भी खतरा हो गया है. इसलिए इस पर रोक लगाई जाए.

नैनीतालः श्रीनगर के कांडा रामपुर में अलकनंदा स्टोन क्रशर संचालन का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की टेबल में है. आज मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में सुनवाई हुई. खंडपीठ ने अभी तक जवाब पेश न करने पर सरकार पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर में होगी.

बता दें कि कांडा रामपुर में अलकनंदा स्टोन क्रशर संचालन मामले में श्रीनगर के फरासू निवासी नरेंद्र सिंह सेंधवाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार को कई बार इस मामले में जवाब पेश करने के लिए समय दिया गया, लेकिन अभी तक जवाब पेश नहीं किया गया.
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हाईकोर्ट ने पिछले साल सरकार से पूछा था कि स्टोन क्रशर नीति में स्टोन क्रशर लगाए जाने के लिए गठित संयुक्त कमेटी में पीसीबी यानी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को क्यों शामिल नहीं किया गया? कोर्ट की ओर से सरकार को इसके लिए 3 बार जवाब पेश करने के लिए मौका दिया गया, लेकिन सरकार ने इस मामले में अभी तक जवाब नहीं दिया. जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया.

वहीं, जनहित याचिका में कहा गया है कि मानकों के विपरीत लगाए जा रहे स्टोन क्रशर से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. परंपरागत पेयजल स्रोत नष्ट हो रहे हैं और प्रसिद्ध गौरा देवी एवं राज राजेश्वरी मंदिरों के अस्तित्व को भी खतरा हो गया है. इसलिए इस पर रोक लगाई जाए.

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