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टिहरी के कोडरना गांव में पाइप लाइन बिछाने के मामले पर HC में सुनवाई, डीएम को दिए आदेश

नैनीताल हाईकोर्ट में टिहरी के कोडरना गांव में जल जीवन मिशन के तहत बिछाई जा रही पाइन लाइन मामले में सुनवाई हुई. मामले में कोर्ट ने टिहरी डीएम को कमेटी गठित कर जांच करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल हाईकोर्ट
nainital high court
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Published : Sep 2, 2021, 9:04 PM IST

नैनीतालः टिहरी के कोडरना गांव में जल जीवन मिशन के तहत बिछाई जा रही पाइन लाइन को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में वरिष्ठ न्यायमुर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमुर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने टिहरी डीएम को जांच के लिए कमेटी गठित कर निर्णय लेने को कहा. वहीं, मामले में खंडपीठ ने जनहित याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया है.

बता दें कि कोडरना गांव निवासी हिमांशु भट्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके गांव में जल जीवन मिशन के तहत पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है. पहला सर्वे पुरानी वाली पाइप लाइन के आधार पर किया गया था. उसी के अनुसार नई पाइप लाइन बिछाई जानी थी, लेकिन पूर्व ग्राम प्रधान व विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से पाइप लाइन बिछाने का काम नई जगह से किया जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः रुड़की में गलत तरीके से दुकानों अलॉट करने का मामला, HC ने नगर निगम से स्थिति स्पष्ट करने को कहा

वहीं, ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए अपना एक प्रत्यावेदन जिला अधिकारी और विभागीय अधिकारियों को दिया. इसमें कहा गया कि नई पाइप लाइन को पुरानी वाली पाइप लाइन के अनुरूप बिछाई जाए, लेकिन उनके प्रत्यावेदन पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई. जब उनकी सुनवाई जिलाधिकारी के पास नहीं हुई तो उन्हें हाइकोर्ट की शरण लेनी पड़ी. याचिकाकर्ता का कहना है कि गांव की पाइप लाइन बिछाने का कार्य पुरानी सर्वे के अनुसार ही किया जाए.

नैनीताल हाइकोर्ट ने जल संस्थान की ओर से जल जीवन मिशन के तहत सर्वे के खिलाफ पाइप लाइन बिछाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने टिहरी के डीएम को कमेटी गठित कर जांच करने के आदेश दिए हैं. साथ में कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह भी आदेश दिया है कि अगर उनकी समस्याओं का हल नहीं निकाला जाता है तो वह दोबारा से कोर्ट ने याचिका दायर कर सकता है.

नैनीतालः टिहरी के कोडरना गांव में जल जीवन मिशन के तहत बिछाई जा रही पाइन लाइन को लेकर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में वरिष्ठ न्यायमुर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमुर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने टिहरी डीएम को जांच के लिए कमेटी गठित कर निर्णय लेने को कहा. वहीं, मामले में खंडपीठ ने जनहित याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया है.

बता दें कि कोडरना गांव निवासी हिमांशु भट्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके गांव में जल जीवन मिशन के तहत पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है. पहला सर्वे पुरानी वाली पाइप लाइन के आधार पर किया गया था. उसी के अनुसार नई पाइप लाइन बिछाई जानी थी, लेकिन पूर्व ग्राम प्रधान व विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से पाइप लाइन बिछाने का काम नई जगह से किया जा रहा है.

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वहीं, ग्रामीणों ने इसका विरोध करते हुए अपना एक प्रत्यावेदन जिला अधिकारी और विभागीय अधिकारियों को दिया. इसमें कहा गया कि नई पाइप लाइन को पुरानी वाली पाइप लाइन के अनुरूप बिछाई जाए, लेकिन उनके प्रत्यावेदन पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई. जब उनकी सुनवाई जिलाधिकारी के पास नहीं हुई तो उन्हें हाइकोर्ट की शरण लेनी पड़ी. याचिकाकर्ता का कहना है कि गांव की पाइप लाइन बिछाने का कार्य पुरानी सर्वे के अनुसार ही किया जाए.

नैनीताल हाइकोर्ट ने जल संस्थान की ओर से जल जीवन मिशन के तहत सर्वे के खिलाफ पाइप लाइन बिछाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने टिहरी के डीएम को कमेटी गठित कर जांच करने के आदेश दिए हैं. साथ में कोर्ट ने याचिकाकर्ता को यह भी आदेश दिया है कि अगर उनकी समस्याओं का हल नहीं निकाला जाता है तो वह दोबारा से कोर्ट ने याचिका दायर कर सकता है.

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