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गवाह की सुरक्षा को लेकर HC की फटकार, 22 फरवरी तक स्थिति स्पष्ट करे सरकार

नैनीताल हाईकोर्ट ने गवाह की सुरक्षा को लेकर सरकार से 22 फरवरी तक स्थिति स्पष्ट करने निर्देश के दिए हैं. साथ ही पूछा है कि अभी तक क्या-क्या कदम उठाए गए हैं?

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Feb 17, 2022, 4:03 PM IST

Updated : Feb 17, 2022, 4:42 PM IST

नैनीतालः गवाहों की सुरक्षा को लेकर दायर स्वतः संज्ञान वाली याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने मामले को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 22 फरवरी तक गवाह सुरक्षा को लेकर सरकार ने क्या-क्या कदम उठाए हैं? इस पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में सभी राज्यों को निर्देश दिए थे कि वे अपने राज्य में साल 2019 के अंत तक सभी न्यायालयों में गवाहों के बयान दर्ज कराने के लिए परिसर बनाएं. साथ ही गवाहों को सुरक्षा दिलाएं. इसके अलावा विटनेस प्रोटेक्शन एक्ट को भी प्रभावी रूप से लागू करने को कहा था, लेकिन राज्य सरकारों की ओर से इसे प्रभावी रूप से लागू नहीं किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि केंद्र सरकार इस प्रभावी रूप से लागू कराने के लिए सभी राज्यों को वित्तीय व अन्य सहायता मुहैया कराएं.

ये भी पढ़ेंः सिडकुल पंतनगर में नियुक्ति मामले में HC सख्त, कहा- 3 महीने के भीतर जांच पूरी करे SIT

राज्यों को दिए गए निर्देशों में यह भी कहा गया है कि गवाहों को राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा नहीं दिए जाने के कारण कई केसों में गवाह पलट या मुकर जाते हैं. इन निर्देशों का पालन कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के हाईकोर्ट को निर्देश दिए थे. इसी के आधार पर आज नैनीताल हाईकोर्ट ने इस प्रकरण का स्वतः संज्ञान लिया है. वहीं, अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी को नियत की गई है.

नैनीतालः गवाहों की सुरक्षा को लेकर दायर स्वतः संज्ञान वाली याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने मामले को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 22 फरवरी तक गवाह सुरक्षा को लेकर सरकार ने क्या-क्या कदम उठाए हैं? इस पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में सभी राज्यों को निर्देश दिए थे कि वे अपने राज्य में साल 2019 के अंत तक सभी न्यायालयों में गवाहों के बयान दर्ज कराने के लिए परिसर बनाएं. साथ ही गवाहों को सुरक्षा दिलाएं. इसके अलावा विटनेस प्रोटेक्शन एक्ट को भी प्रभावी रूप से लागू करने को कहा था, लेकिन राज्य सरकारों की ओर से इसे प्रभावी रूप से लागू नहीं किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि केंद्र सरकार इस प्रभावी रूप से लागू कराने के लिए सभी राज्यों को वित्तीय व अन्य सहायता मुहैया कराएं.

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राज्यों को दिए गए निर्देशों में यह भी कहा गया है कि गवाहों को राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा नहीं दिए जाने के कारण कई केसों में गवाह पलट या मुकर जाते हैं. इन निर्देशों का पालन कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के हाईकोर्ट को निर्देश दिए थे. इसी के आधार पर आज नैनीताल हाईकोर्ट ने इस प्रकरण का स्वतः संज्ञान लिया है. वहीं, अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी को नियत की गई है.

Last Updated : Feb 17, 2022, 4:42 PM IST
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