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हाकम सिंह की रिमांड को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई, HC ने सरकार से मांगा जवाब - उत्तराखंड लेटेस्ट न्यूज

UKSSSC पेपर लीक (uksssc paperleak case) करने के आरोपी हाकम सिंह ने अपने रिमांड आदेश (hakam singh remand order) को नैनीताल हाईकोर्ट (nainital high court) में चुनौती दी है. ऐसे में इस मामले को सुनने के बाद कोर्ट की एकपीठ ने इस मामले में सरकार को एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब पेश करने आदेश दिये हैं.

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Published : Sep 29, 2022, 4:32 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में UKSSSC पेपर लीक (uksssc paperleak case) मामले में आरोपी हाकम सिंह ने अपने रिमांड आदेश (hakam singh remand order) को चुनौती दी है. इस मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने सरकार से एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. ऐसे में अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी.

इस मामले के अनुसार हाकम सिंह ने उच्च न्यायालय (nainital high court) में याचिका दायर कर कहा है कि उन्हें रिमांड पर गलत तरीके से लिया गया है. उन्हें रिमांड पर लेते समय आईपीसी की धारा 41 A का अनुपालन नहीं किया गया. इस याचिका में यह भी कहा गया कि उन्हें किस अपराध के लिए रिमांड पर लिया गया. शुरुआत में पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420 में मुकदमा दर्ज किया और बाद में उसमें आईपीसी की धारा 467, 468, 471 व 34 और बढ़ा दी.

पढ़ें- HC से भी हाकम सिंह को नहीं मिली राहत, SDM को जमीन के कागजात दिखाने के आदेश

याचिकाकर्ता का कहना है कि पुलिस ने उन्हें इस संंबंध में न ही कोई जानकारी दी और न ही इसे लेकर कोई प्रति उपलब्ध कराई. जबकि, उन्हें रिमांड में लेने से पहले इसकी प्रति दी जानी चाहिए थी. ऐसे में बिना कारण बताए उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया. जबकि, विवेचक का कहना है कि उन्हें न्यायिक अभिरक्षा से पहले इसकी जानकारी दी गयी थी.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में UKSSSC पेपर लीक (uksssc paperleak case) मामले में आरोपी हाकम सिंह ने अपने रिमांड आदेश (hakam singh remand order) को चुनौती दी है. इस मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने सरकार से एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. ऐसे में अब इस मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी.

इस मामले के अनुसार हाकम सिंह ने उच्च न्यायालय (nainital high court) में याचिका दायर कर कहा है कि उन्हें रिमांड पर गलत तरीके से लिया गया है. उन्हें रिमांड पर लेते समय आईपीसी की धारा 41 A का अनुपालन नहीं किया गया. इस याचिका में यह भी कहा गया कि उन्हें किस अपराध के लिए रिमांड पर लिया गया. शुरुआत में पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420 में मुकदमा दर्ज किया और बाद में उसमें आईपीसी की धारा 467, 468, 471 व 34 और बढ़ा दी.

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याचिकाकर्ता का कहना है कि पुलिस ने उन्हें इस संंबंध में न ही कोई जानकारी दी और न ही इसे लेकर कोई प्रति उपलब्ध कराई. जबकि, उन्हें रिमांड में लेने से पहले इसकी प्रति दी जानी चाहिए थी. ऐसे में बिना कारण बताए उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया. जबकि, विवेचक का कहना है कि उन्हें न्यायिक अभिरक्षा से पहले इसकी जानकारी दी गयी थी.

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