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HC में प्रदेश की जेलों में CCTV कैमरे लगाने के मामले में सुनवाई, कोर्ट ने दिए ये आदेश

आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सरकार उधमसिंह नगर एवं पिथौरागढ़ में नई जेल बना रही है और उत्तरकाशी में जेल के लिए जगह का चयन की जा रहा है. सुविधाओं को लेकर अन्य प्रस्ताव शासन को भेज दिए हैं, जिसमे निर्णय लिया जाना है. वहीं, पूर्व में कोर्ट ने जेल महानिदेशक से पूछा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कितना पालन किया गया.

Nainital highcourt
हाईकोर्ट ने दिये ये आदेश
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Published : May 24, 2022, 3:48 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाइकोर्ट ने प्रदेश की जेलों में सीसीटीवी कैमरे व अन्य सुविधाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जिसके बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई हेतु तीन सप्ताह बाद की तिथि नियत की है.

आज सुनवाई पर राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सरकार उधमसिंह नगर एवं पिथौरागढ़ में नई जेल बना रही है और उत्तरकाशी में जेल के लिए जगह का चयन किया जा रहा है. सुविधाओं को लेकर अन्य प्रस्ताव शासन को भेज दिए हैं, जिसमे निर्णय लिया जाना है. वहीं, पूर्व में कोर्ट ने जेल महानिदेशक से पूछा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कितना पालन किया गया. राज्य के जेलों में कितने सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और कैदियों के लिए जेल में क्या व्यवस्था है. साथ ही जेल में उनको क्या शिक्षा और रोजगार दिया जा रहा है.

पढ़ें- कुमाऊं में खुलेगी चिप्स फैक्ट्री, मंत्री चंदन राम दास ने दिया 3 महीने का टास्क

इसके अलावा जेल मैनुअल में संसोधन किया गया है या नहीं और जेलों की क्षमता कितनी है. कोर्ट ने सरकार से इस पर रिपोर्ट पेश करने को कहा था. इस मामले के अनुसार रामचन्द्र उर्फ राजू व संतोष उपाध्याय ने अलग अलग जनहित याचिकाएं दायर कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने सन 2015 में एक आदेश जारी कर सभी राज्यों से कहा था कि वे अपने राज्य की जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगाएं और जेलों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएं.

इसके साथ ही राज्य में खाली पड़े राज्य मानवाधिकार आयोग के पदों को भी भरें. लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें.

नैनीताल: उत्तराखंड हाइकोर्ट ने प्रदेश की जेलों में सीसीटीवी कैमरे व अन्य सुविधाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जिसके बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई हेतु तीन सप्ताह बाद की तिथि नियत की है.

आज सुनवाई पर राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सरकार उधमसिंह नगर एवं पिथौरागढ़ में नई जेल बना रही है और उत्तरकाशी में जेल के लिए जगह का चयन किया जा रहा है. सुविधाओं को लेकर अन्य प्रस्ताव शासन को भेज दिए हैं, जिसमे निर्णय लिया जाना है. वहीं, पूर्व में कोर्ट ने जेल महानिदेशक से पूछा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कितना पालन किया गया. राज्य के जेलों में कितने सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और कैदियों के लिए जेल में क्या व्यवस्था है. साथ ही जेल में उनको क्या शिक्षा और रोजगार दिया जा रहा है.

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इसके अलावा जेल मैनुअल में संसोधन किया गया है या नहीं और जेलों की क्षमता कितनी है. कोर्ट ने सरकार से इस पर रिपोर्ट पेश करने को कहा था. इस मामले के अनुसार रामचन्द्र उर्फ राजू व संतोष उपाध्याय ने अलग अलग जनहित याचिकाएं दायर कर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने सन 2015 में एक आदेश जारी कर सभी राज्यों से कहा था कि वे अपने राज्य की जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगाएं और जेलों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएं.

इसके साथ ही राज्य में खाली पड़े राज्य मानवाधिकार आयोग के पदों को भी भरें. लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें.

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