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हरिद्वार पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगाने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई, HC ने निवार्चन आयोग को दिए निर्देश - हरिद्वार पंचायत चुनाव में ड्यूटी

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की हरिद्वार पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगाने के खिलाफ दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई की. मामले में कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को जिन कर्मचारियों और शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी पर लगाने से विश्वविद्यालय और कर्मचारियों को जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई करने के निर्देश दिए.

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Published : Sep 21, 2022, 9:27 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court ) ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय (Gurukul Kangri University) के शिक्षकों और कर्मचारियों की हरिद्वार पंचायत चुनाव में ड्यूटी (duty in haridwar panchayat election) लगाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने कहा जिन कर्मचारियों और शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी पर लगाने से विश्वविद्यालय और कर्मचारियों को जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई निवार्चन आयोग करें.

मामले में गुरुकुल कांगड़ी के प्रोफेसर दीनदयाल ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर (petition filed in high court) की थी. जिसमें उन्होंने कहा गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय एक वित्त पोषित संस्थान है और ग्राम पंचायत एक्ट (gram panchayat act) के अनुसार वित्त पोषित संस्थानों के कर्मचारियों की पंचायत चुनावों में ड्यूटी नहीं लगाया जा सकती. इसके बावजूद भी जिला प्रशासन ने उनकी इलेक्शन ड्यूटी लगाई है.
ये भी पढ़ें: केदारनाथ हाईवे पर जबरदस्त लैंडस्लाइड, सड़क पर गिरा पूरा पहाड़

इस संबंध में गुरुकुल विश्वविद्यालय प्रशासन ने 2016 में भी याचिका दायर की गई थी, जिसमें उच्च न्यायालय ने निर्देश दिए थे कि वित्त पोषित संस्थानों के कर्मचारियों और शिक्षकों की पंचायत चुनावों में ड्यूटी न लगाई जाए, लेकिन वर्तमान में होने वाले पंचायत के चुनावों में कर्मचारियों और शिक्षकों को फिर से चुनाव ड्यूटी में लगाया गया है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court ) ने गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय (Gurukul Kangri University) के शिक्षकों और कर्मचारियों की हरिद्वार पंचायत चुनाव में ड्यूटी (duty in haridwar panchayat election) लगाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने कहा जिन कर्मचारियों और शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी पर लगाने से विश्वविद्यालय और कर्मचारियों को जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई निवार्चन आयोग करें.

मामले में गुरुकुल कांगड़ी के प्रोफेसर दीनदयाल ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर (petition filed in high court) की थी. जिसमें उन्होंने कहा गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय एक वित्त पोषित संस्थान है और ग्राम पंचायत एक्ट (gram panchayat act) के अनुसार वित्त पोषित संस्थानों के कर्मचारियों की पंचायत चुनावों में ड्यूटी नहीं लगाया जा सकती. इसके बावजूद भी जिला प्रशासन ने उनकी इलेक्शन ड्यूटी लगाई है.
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इस संबंध में गुरुकुल विश्वविद्यालय प्रशासन ने 2016 में भी याचिका दायर की गई थी, जिसमें उच्च न्यायालय ने निर्देश दिए थे कि वित्त पोषित संस्थानों के कर्मचारियों और शिक्षकों की पंचायत चुनावों में ड्यूटी न लगाई जाए, लेकिन वर्तमान में होने वाले पंचायत के चुनावों में कर्मचारियों और शिक्षकों को फिर से चुनाव ड्यूटी में लगाया गया है.

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