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एनआईटी सुमाड़ी को लेकर HC सख्त, केंद्र और राज्य सरकार से मांगा जवाब - एनआईटी स्थाई कैंपस मुद्दा

इससे पहले ही भी सरकार एनआईटी सुमाड़ी पर अपना जवाब पेश कर चुकी है. जिस पर याचिकाकर्ता ने आपत्ति जताई थी.

नैनीताल
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Published : Nov 21, 2019, 8:29 PM IST

नैनीताल: श्रीनगर में एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) सुमाड़ी के स्थाई निर्माण को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने सरकार को दो सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

अभिजय नेगी,अधिवक्ता याचिकाकर्ता.

बता दें कि राज्य सरकार ने इससे पहले भी एनआईटी मामले में अपना जवाब कोर्ट में पेश किया था. जिस पर याचिकाकर्ता ने आपत्ति जताई और कोर्ट का बताया था कि एनआईटी सुमाड़ी में छात्रों के पठन-पाठन की कोई सुविधा नहीं है. कॉलेज का बुनियादी ढांचा भी अभी बनकर तैयार नहीं हुआ है. छात्र-छात्राओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध नहीं हैं.

पढ़ें- देहरादूनः ट्रेनों का संचालन बंद होने से मसूरी बस स्टैंड पड़ा खाली, बसें दूसरे रूट पर भेजी

वहीं, इस मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार के साथ एनआईटी को भी अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही 2 सप्ताह बाद एक बार फिर इस मामले में अहम सुनवाई होगी.

बता दें कि कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा था कि एनआईटी श्रीनगर को बने हुए नौ साल हो गए हैं, लेकिन नौ साल बाद भी एनआईटी को स्थाई कैंपस नहीं मिला. छात्र लंबे समय से स्थाई कैंपस की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया. अभी जिस बिल्डिंग में छात्र रह रहे है वो पूरी तरह जर्जर हो चुकी है, जहां कभी भी हादसा हो सकता है.

नैनीताल: श्रीनगर में एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) सुमाड़ी के स्थाई निर्माण को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने सरकार को दो सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

अभिजय नेगी,अधिवक्ता याचिकाकर्ता.

बता दें कि राज्य सरकार ने इससे पहले भी एनआईटी मामले में अपना जवाब कोर्ट में पेश किया था. जिस पर याचिकाकर्ता ने आपत्ति जताई और कोर्ट का बताया था कि एनआईटी सुमाड़ी में छात्रों के पठन-पाठन की कोई सुविधा नहीं है. कॉलेज का बुनियादी ढांचा भी अभी बनकर तैयार नहीं हुआ है. छात्र-छात्राओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध नहीं हैं.

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वहीं, इस मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार के साथ एनआईटी को भी अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही 2 सप्ताह बाद एक बार फिर इस मामले में अहम सुनवाई होगी.

बता दें कि कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा था कि एनआईटी श्रीनगर को बने हुए नौ साल हो गए हैं, लेकिन नौ साल बाद भी एनआईटी को स्थाई कैंपस नहीं मिला. छात्र लंबे समय से स्थाई कैंपस की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया. अभी जिस बिल्डिंग में छात्र रह रहे है वो पूरी तरह जर्जर हो चुकी है, जहां कभी भी हादसा हो सकता है.

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एनआईटी के स्थाई निर्माण मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब।

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श्रीनगर के सोमारी में एनआईटी के स्थाई निर्माण मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार केंद्र सरकार समेत एनआईटी को 2 सप्ताह के भीतर अपना जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।
वहीं राज्य सरकार द्वारा पूर्व में एनआईटी मामले में अपना कोर्ट में जवाब पेश किया था जिस पर याचिकाकर्ता द्वारा आपत्ति जताई और कोर्ट को बताया गया कि सुमाडी स्थित एनआईटी में छात्रों के पठन-पाठन की कोई सुविधा नहीं है, कॉलेज का बुनियादी ढांचा भी अभी बनकर तैयार नहीं हुआ है, छात्र-छात्राओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध नही हैं, मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केंद्र सरकार राज्य सरकार और एनआईटी को अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए है।


Body:आपको बता दें कि कॉलेज के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनके कॉलेज के बने हुए 9 साल हो गए हैं लेकिन 9 सालों के बाद भी एनआईटी को स्थाई कैंपस नहीं मिला, जिस को लेकर छात्र काफी लंबे समय से स्थाई कैंपस की मांग कर रहे हैं मगर सरकार द्वारा उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया साथ ही अभी छात्र सी जगह पर हैं हैं वह बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर है और इस बिल्डिंग में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है


Conclusion:साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि कैंपस की मांग कर रहे छात्रों की प्रदर्शन के दौरान हादसे में एक छात्रा की मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल है जिसका उपचार चल रहा है लिहाजा राज्य सरकार और एनआईटी मिलकर इस छात्रा का इलाज करें,मामले में 2 सप्ताह बाद एक बार फिर अहम सुनवाई होगी।

बाईट-अभिजय नेगी,अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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