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नैनीताल HC में आय से अधिक संपत्ति मामले की सुनवाई, जांच शीघ्र करने के आदेश

सहायक समाज कल्याण अधिकारी कांतिराम आरोप है कि 2010 से 2013 तक टिहरी में जब वे जिला समाज कल्याण अधिकारी थे, तो उन्होंने वृद्धा व विकलांग लोगों के लिए सरकार द्वारा दिए गए धन का दुरुपयोग किया.

court hearing on disproportionate assets case
नैनीताल HC में आय से अधिक संपत्ति मामले की सुनवाई
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Published : Dec 29, 2021, 4:41 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति रखने पर सहायक समाज कल्याण अधिकारी कांतिराम जोशी के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर आज सुनवाई की. कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश सजंय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ ने मामले को सुनने के बाद जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए सतर्कता विभाग को निर्देश दिए हैं कि मामले की जांच शीघ्र करें.

इस मामले के अनुसार देहरादून निवासी एसके सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सहायक समाज कल्याण अधिकारी कांतिराम जोशी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है, जिसकी जांच कराई जाए. याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में उनके खिलाफ यह आरोप लगाए गए हैं कि उत्तराखंड सरकार ने 8 मार्च 2018 को उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने पर जांच के आदेश दिए थे, लेकिन साल बीत जाने के बाद भी जांच पूरी नहीं हुई है.

पढ़ें- कुमाऊं विवि में VC नियुक्ति मामले में हाईकोर्ट की टिप्पणी, राज्यपाल लें निर्णय

सहायक समाज कल्याण अधिकारी कांतिराम आरोप है कि 2010 से 2013 तक टिहरी में जब वे जिला समाज कल्याण अधिकारी थे, तो उन्होंने वृद्धा व विकलांग लोगों के लिए सरकार द्वारा दिए गए धन का दुरुपयोग किया. सरकार के नोटिफिकेशन से स्पष्ट हुआ है कि इनके लिए 87 कैम्प लगने थे, जिसमें उनके द्वारा मात्र चार कैम्प ही लगाए गए. जिन कैंपों का बिल दिया गया वो भी फर्जी थे.

सीडीओ टिहरी की जांच के आधार पर सात लाख चार सौ बीस रुपये का गबन हुआ पाया गया. जिसके बाद सरकार ने 28 मार्च 2019 को इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने हेतु सीडीओ को आदेश दिए परन्तु विवेचनाधिकारी ने बिना जांच पूरी हुए अंतिम रिपोर्ट पेश कर दी. याचिककार्ता का कहना है कि तीन साल बीत जाने के बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है लिहाजा, यह जांच शीघ्र कराई जाए. ऐसे में कोर्ट ने इस याचिका को निस्तारित करते हुए मामले की शीघ्र जांच के आदेश दिये हैं.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति रखने पर सहायक समाज कल्याण अधिकारी कांतिराम जोशी के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर आज सुनवाई की. कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश सजंय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ ने मामले को सुनने के बाद जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए सतर्कता विभाग को निर्देश दिए हैं कि मामले की जांच शीघ्र करें.

इस मामले के अनुसार देहरादून निवासी एसके सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सहायक समाज कल्याण अधिकारी कांतिराम जोशी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है, जिसकी जांच कराई जाए. याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में उनके खिलाफ यह आरोप लगाए गए हैं कि उत्तराखंड सरकार ने 8 मार्च 2018 को उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने पर जांच के आदेश दिए थे, लेकिन साल बीत जाने के बाद भी जांच पूरी नहीं हुई है.

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सहायक समाज कल्याण अधिकारी कांतिराम आरोप है कि 2010 से 2013 तक टिहरी में जब वे जिला समाज कल्याण अधिकारी थे, तो उन्होंने वृद्धा व विकलांग लोगों के लिए सरकार द्वारा दिए गए धन का दुरुपयोग किया. सरकार के नोटिफिकेशन से स्पष्ट हुआ है कि इनके लिए 87 कैम्प लगने थे, जिसमें उनके द्वारा मात्र चार कैम्प ही लगाए गए. जिन कैंपों का बिल दिया गया वो भी फर्जी थे.

सीडीओ टिहरी की जांच के आधार पर सात लाख चार सौ बीस रुपये का गबन हुआ पाया गया. जिसके बाद सरकार ने 28 मार्च 2019 को इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने हेतु सीडीओ को आदेश दिए परन्तु विवेचनाधिकारी ने बिना जांच पूरी हुए अंतिम रिपोर्ट पेश कर दी. याचिककार्ता का कहना है कि तीन साल बीत जाने के बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है लिहाजा, यह जांच शीघ्र कराई जाए. ऐसे में कोर्ट ने इस याचिका को निस्तारित करते हुए मामले की शीघ्र जांच के आदेश दिये हैं.

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