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LBS पीजी कॉलेज हल्द्वानी में भर्ती का मामला, HC ने UGC और राज्य सरकार को किया तलब

लाल बहादुर शास्त्री पीजी कॉलेज हल्दूचौड़ में भर्ती अनियमितता मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने मामले में यूजीसी, राज्य सरकार समेत अन्य से दस दिन के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. पूरा मामला पूर्व मंत्री के अयोग्य रिश्तेदारों और संबंधियों को नियुक्ति देने से जुड़ा है.

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Published : Jun 28, 2023, 6:10 PM IST

Lal Bahadur Shastri Govt PG College
लाल बहादुर शास्त्री पीजी कॉलेज हल्द्वानी

नैनीतालः हल्द्वानी के हल्दूचौड़ स्थित लाल बहादुर शास्त्री पीजी कॉलेज में हुई भर्ती अनियमितताओं के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार, यूजीसी समेत अन्य से 10 दिन के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि महाविद्यालय में ऐसे कितने प्रवक्ता हैं? जो यूजीसी की ओर से निर्धारित नेट की योग्यता नहीं रखते हैं.

दरसअल, हल्द्वानी निवासी पीयूष जोशी समेत अन्य लोगों ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि लाल बहादुर शास्त्री राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हल्दूचौड़ में पूर्व मंत्री के अयोग्य रिश्तेदारों और संबंधियों को नियुक्ति दी गई है. ये नियुक्तियां यूजीसी की ओर से निर्धारित मानक और योग्यता पूरी नहीं रखते हैं. जिसकी वजह से कॉलेज में शिक्षा के स्तर में गिरावट आ रही है. लिहाजा, उनकी नियुक्ति को निरस्त किया जाए.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड उद्यान विभाग में घोटाले मामले में सुनवाई, नैनीताल HC ने CBI से पूछा ये सवाल

वहीं, याचिका में ये भी कहा गया है कि ऐसे 6 लोगों की नियुक्ति की गई है, जिनके पास कोई योग्यता नहीं है. जबकि, जांच के बाद कई और लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं. याचिकाकर्ताओं ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से भी की, लेकिन वहां से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. याचिकाकर्ताओ ने कोर्ट से इन अयोग्य और अपात्र कर्मचारियों को तत्काल हटाकर योग्य व पात्र लोगों को नियुक्ति देने की प्रार्थना की है. ये सभी नियुक्तियां साल 2016-17 में हुई थी. अब अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी.

नैनीतालः हल्द्वानी के हल्दूचौड़ स्थित लाल बहादुर शास्त्री पीजी कॉलेज में हुई भर्ती अनियमितताओं के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार, यूजीसी समेत अन्य से 10 दिन के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि महाविद्यालय में ऐसे कितने प्रवक्ता हैं? जो यूजीसी की ओर से निर्धारित नेट की योग्यता नहीं रखते हैं.

दरसअल, हल्द्वानी निवासी पीयूष जोशी समेत अन्य लोगों ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि लाल बहादुर शास्त्री राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हल्दूचौड़ में पूर्व मंत्री के अयोग्य रिश्तेदारों और संबंधियों को नियुक्ति दी गई है. ये नियुक्तियां यूजीसी की ओर से निर्धारित मानक और योग्यता पूरी नहीं रखते हैं. जिसकी वजह से कॉलेज में शिक्षा के स्तर में गिरावट आ रही है. लिहाजा, उनकी नियुक्ति को निरस्त किया जाए.
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वहीं, याचिका में ये भी कहा गया है कि ऐसे 6 लोगों की नियुक्ति की गई है, जिनके पास कोई योग्यता नहीं है. जबकि, जांच के बाद कई और लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं. याचिकाकर्ताओं ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से भी की, लेकिन वहां से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. याचिकाकर्ताओ ने कोर्ट से इन अयोग्य और अपात्र कर्मचारियों को तत्काल हटाकर योग्य व पात्र लोगों को नियुक्ति देने की प्रार्थना की है. ये सभी नियुक्तियां साल 2016-17 में हुई थी. अब अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी.

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