ETV Bharat / state

वकील के परिवार के साथ मारपीट का मामला पहुंचा हाई कोर्ट, कई पुलिसकर्मियों पर है आरोप

कोर्ट ने एसएसपी पौड़ी को आदेश दिया है कि पूरे मामले की स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करें. साथ ही कोर्ट ने पुलिस की तरफ से दर्ज मुकदमे पर कार्रवाई पर रोक लगा दी है.

फाइल फोटो
author img

By

Published : Jul 16, 2019, 11:51 AM IST

नैनीताल: उत्तराखंड की मित्र पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में है. मामला इस बार नैनीताल हाई कोर्ट में पहुंचा है. पौड़ी गढ़वाल में पुलिस द्वारा वकील के घर में घुसकर उसके परिवार के साथ मारपीट करने के मामले में कोर्ट ने एसएसपी पौड़ी को स्टेटस रिपोर्ट पेश कर स्थिति साफ करने को कहा है.

बता दें कि पौड़ी निवासी अधिवक्ता राकेश कुमार ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि 9 जुलाई की रात को उनके घर में 7 से 8 पुलिसकर्मियों समेत करीब 16 लोग घुस आए थे. जिन्होंने उनकी मां और बहन के साथ मारपीट की थी. मारपीट करने के बाद वो घर में रखे 10 से 12 हजार रुपए भी लूट लिए थे.

अधिवक्ता राकेश कुमार

पढ़ें- रोहित शेखर हत्याकांड: दोस्त देगा अपूर्वा के खिलाफ गवाही, इस हफ्ते पेश हो सकती है चार्जशीट

याचिकाकर्ता के मुताबिक इन लोगों के द्वारा उनके घर में आग लगाने की भी कोशिश की गई थी. साथ ही उनके परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी गई थी. जिसके बाद पुलिस अधिवक्ता समेत उनके पूरे परिवार को कोतवाली उठा ले गई.

घटना का विरोध करने पर कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने उनकी 76 साल की मां के पेट पर लात मारी थी. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं. राकेश ने अपनी याचिका ने कहा था कि कोतवाली में उनके साथ भी मारपीट की गई थी और उसके भाई को बूरी तरह पीटा गया था. जिससे गंभीर हालत में दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है.

पढ़ें- देहरादून में साइन बोर्ड नीति तैयार, अतिक्रमण से मिलेगी मुक्ति और शहर दिखेगा 'स्मार्ट'

याचिकाकर्ता का कहना है कि पुलिस उनका उत्पीड़न कर रही है, क्योंकि उनके द्वारा एक मामले में नैनीताल हाई कोर्ट से पौड़ी कोतवाली में तैनात सब इंस्पेक्टर कैलाश सेमवाल के खिलाफ नोटिस जारी करवाये हैं. जिसके विरोध में पुलिस उनके साथ इस तरह कर रही है.

सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने एसएसपी पौड़ी मामले में स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं. वही अधिवक्ता व उसके परिवार के खिलाफ दायर एफआईआर पर रोक लगा दी है.

नैनीताल: उत्तराखंड की मित्र पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में है. मामला इस बार नैनीताल हाई कोर्ट में पहुंचा है. पौड़ी गढ़वाल में पुलिस द्वारा वकील के घर में घुसकर उसके परिवार के साथ मारपीट करने के मामले में कोर्ट ने एसएसपी पौड़ी को स्टेटस रिपोर्ट पेश कर स्थिति साफ करने को कहा है.

बता दें कि पौड़ी निवासी अधिवक्ता राकेश कुमार ने नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि 9 जुलाई की रात को उनके घर में 7 से 8 पुलिसकर्मियों समेत करीब 16 लोग घुस आए थे. जिन्होंने उनकी मां और बहन के साथ मारपीट की थी. मारपीट करने के बाद वो घर में रखे 10 से 12 हजार रुपए भी लूट लिए थे.

अधिवक्ता राकेश कुमार

पढ़ें- रोहित शेखर हत्याकांड: दोस्त देगा अपूर्वा के खिलाफ गवाही, इस हफ्ते पेश हो सकती है चार्जशीट

याचिकाकर्ता के मुताबिक इन लोगों के द्वारा उनके घर में आग लगाने की भी कोशिश की गई थी. साथ ही उनके परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी गई थी. जिसके बाद पुलिस अधिवक्ता समेत उनके पूरे परिवार को कोतवाली उठा ले गई.

घटना का विरोध करने पर कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने उनकी 76 साल की मां के पेट पर लात मारी थी. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं. राकेश ने अपनी याचिका ने कहा था कि कोतवाली में उनके साथ भी मारपीट की गई थी और उसके भाई को बूरी तरह पीटा गया था. जिससे गंभीर हालत में दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया है.

पढ़ें- देहरादून में साइन बोर्ड नीति तैयार, अतिक्रमण से मिलेगी मुक्ति और शहर दिखेगा 'स्मार्ट'

याचिकाकर्ता का कहना है कि पुलिस उनका उत्पीड़न कर रही है, क्योंकि उनके द्वारा एक मामले में नैनीताल हाई कोर्ट से पौड़ी कोतवाली में तैनात सब इंस्पेक्टर कैलाश सेमवाल के खिलाफ नोटिस जारी करवाये हैं. जिसके विरोध में पुलिस उनके साथ इस तरह कर रही है.

सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने एसएसपी पौड़ी मामले में स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं. वही अधिवक्ता व उसके परिवार के खिलाफ दायर एफआईआर पर रोक लगा दी है.

Intro:Summry
पौड़ी गढ़वाल में पुलिस द्वारा वकील के घर में घुसकर उसके परिवार वालों से मारपीट करने पर हाईकोर्ट सख्त मांगा जवाब

Intro

मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने एसएसपी पौड़ी से मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश कर स्थिति साफ करने को कहा है साथ ही अधिवक्ता के ऊपर बलवा के मामले पर मुकदमा दर्ज करने पर कोर्ट ने रोक लगा दी है।


Body:9 जुलाई को पौड़ी में अधिवक्ता के घर में घुसकर पुलिस द्वारा मारपीट करने के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए एसएसपी पौड़ी से मारपीट के मामले पर स्टेटस रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश करने को कहा है साथ ही अधिवक्ता व उसके परिवार के विरुद्ध दायर f.i.r. पर कोर्ट ने रोक लगा दी है।

आपको बता दें कि पौड़ी निवासी अधिवक्ता राकेश कुमार ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि 9 जुलाई की रात उसके घर में करीब 7 से 8 पुलिसवालों समेत 7से 8अन्य लोगों ने उसके द्वारा उनके घर में घुसकर उनकी मां और बहन के साथ मारपीट की साथ ही घर में रखें 10 से 12 हजार रुपए भी लूट कर ले गए वहीं याचिका में कहा है की इन लोगों के द्वारा उनके घर में आग लगाने की भी कोशिश की गई और उनकी मां और बहन के कपड़े फाड़ दिए,, साथ ही याचिकाकर्ता और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी जिसके बाद पुलिस वाले अधिवक्ता समेत उनके पूरे परिवार को कोतवाली उठा ले गए, वहीं घटना का विरोध करने पर कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट द्वारा उनकी 76 साल की मां के पेट में लात मार दी जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई, साथ ही उनके साथ गाली-गलौज की और वहीं पुलिस के द्वारा उनके भाई को भी बहुत बुरी तरह पीटा जिस वजह से वह गंभीर अवस्था में दिल्ली एम्स में भर्ती है।


Conclusion:वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि पौड़ी के कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट द्वारा उनको जान से मारने की धमकी दी है और कहा है कि अगर वह पौड़ी मैं दिखा दो उसको गोली मार देंगे साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि पुलिस उनका उत्पीड़न कर रही है क्योंकि उनके द्वारा एक मामले में नैनीताल हाईकोर्ट से पौड़ी कोतवाली में तैनात सब इंस्पेक्टर कैलाश सेमवाल के खिलाफ नोटिस जारी करवाये हैं जिसके विरोध में पुलिस उनके साथ यह घटना कर रही है।
आज मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने एसएसपी पौड़ी से मामले में स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं वही अधिवक्ता व उसके परिवार के खिलाफ दायर fir पर रोक लगा दी है।

बाइट- राकेश कुमार याचिकाकर्ता व अधिवक्ता ।

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.