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Delhi AIIMS में भ्रष्टाचार उजागर करने का मामला, नैनीताल हाईकोर्ट में 20 मई को होगी सुनवाई - Nainital latest news

दिल्ली एम्स में भ्रष्टाचार उजगार करने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 22 मई को होगी. पूरा मामला कैट की रिपोर्ट और दिल्ली एम्स के वरिष्ठ अधिकारियों व डॉक्टरों से जुड़ा है. जिस पर दिल्ली एम्स ने हाईकोर्ट में चुनौती दी.

AIIMS Delhi Corruption
दिल्ली एम्स में भ्रष्टाचार का मामला
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Published : May 12, 2023, 3:55 PM IST

नैनीतालः एम्स यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली की याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. याचिका में दिल्ली एम्स की ओर से कैट की नैनीताल बेंच के आदेश को चुनौती दी गई है. कैट ने अपने आदेश में कहा था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और दिल्ली एम्स का रिकॉर्ड पेश किया जाए. आज मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में हुई. कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 22 मई की तिथि नियत की है.

गौर हो कि जून 2012 से अगस्त 2014 तक तत्कालीन सीवीओ यानी मुख्य सतर्कता अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने अपने कार्यकाल के दौरान दिल्ली एम्स के वरिष्ठ अधिकारियों और डॉक्टरों से जुड़े भ्रष्टाचार के कई मामलों की जांच की. उनके पद से हटने के बाद उन्हें साल 2015-16 में उनकी वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट में उनको जीरो ग्रेडिंग कर दी गई. जुलाई 2017 में उन्होंने कैट की नैनीताल बेंच के समक्ष इसको चुनौती दी. कैट की बेंच ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और दिल्ली एम्स को नोटिस जारी किया.
ये भी पढ़ेंः दिल्ली HC का आदेश, किडनी की बीमारी से ग्रस्त 4 वर्षीय बच्चे के लिए विदेश से इंजेक्शन मंगवाए AIIMS

संजीव चतुर्वेदी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि प्रभावशाली व्यक्तियों के भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने पर उनकी वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट को प्रतिशोध की भावना से डाउनग्रेड किया गया. उनकी याचिका में सुनवाई करते हुए फरवरी 2023 में कैट की नैनीताल बेंच ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और एम्स का रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया था. जिसको आज दिल्ली एम्स ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. याचिका में कहा गया कि जो रिकॉर्ड कैट ने तलब किया है, वो कॉन्फिडेंशियल है. इसलिए उसे कोर्ट में ही पेश करेंगे. चतुर्वेदी ने यह रिकॉर्ड को उन्हें दिए जाने की मांग भी की थी. जो उन्हें नहीं दिया जा सकता.

बता दें कि इससे पहले बीती 10 मई को मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने इस मामले को सुनने से इनकार कर दिया था. साथ ही मामले को दूसरी खंडपीठ में सुनवाई के लिए रेफर कर दिया था. जिस पर आज वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में सुनवाई हुई. नैनीताल हाईकोर्ट अब मामले की सुनवाई 22 मई को करेगा.

नैनीतालः एम्स यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली की याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. याचिका में दिल्ली एम्स की ओर से कैट की नैनीताल बेंच के आदेश को चुनौती दी गई है. कैट ने अपने आदेश में कहा था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और दिल्ली एम्स का रिकॉर्ड पेश किया जाए. आज मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में हुई. कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 22 मई की तिथि नियत की है.

गौर हो कि जून 2012 से अगस्त 2014 तक तत्कालीन सीवीओ यानी मुख्य सतर्कता अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने अपने कार्यकाल के दौरान दिल्ली एम्स के वरिष्ठ अधिकारियों और डॉक्टरों से जुड़े भ्रष्टाचार के कई मामलों की जांच की. उनके पद से हटने के बाद उन्हें साल 2015-16 में उनकी वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट में उनको जीरो ग्रेडिंग कर दी गई. जुलाई 2017 में उन्होंने कैट की नैनीताल बेंच के समक्ष इसको चुनौती दी. कैट की बेंच ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और दिल्ली एम्स को नोटिस जारी किया.
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संजीव चतुर्वेदी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि प्रभावशाली व्यक्तियों के भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने पर उनकी वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट को प्रतिशोध की भावना से डाउनग्रेड किया गया. उनकी याचिका में सुनवाई करते हुए फरवरी 2023 में कैट की नैनीताल बेंच ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और एम्स का रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया था. जिसको आज दिल्ली एम्स ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. याचिका में कहा गया कि जो रिकॉर्ड कैट ने तलब किया है, वो कॉन्फिडेंशियल है. इसलिए उसे कोर्ट में ही पेश करेंगे. चतुर्वेदी ने यह रिकॉर्ड को उन्हें दिए जाने की मांग भी की थी. जो उन्हें नहीं दिया जा सकता.

बता दें कि इससे पहले बीती 10 मई को मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने इस मामले को सुनने से इनकार कर दिया था. साथ ही मामले को दूसरी खंडपीठ में सुनवाई के लिए रेफर कर दिया था. जिस पर आज वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में सुनवाई हुई. नैनीताल हाईकोर्ट अब मामले की सुनवाई 22 मई को करेगा.

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