नैनीताल: उत्तराखंड के किसानों को नैनीताल हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और रविंद्र मैठाणी की खंडपीठ ने राज्य सरकार को किसान की खरीफ फसल का भुगतान 40 घंटे से एक सप्ताह के भीतर करने का आदेश दिया है.
आपको बता दें कि लॉकडाउन प्रथम फेज में उधम सिंह नगर निवासी गणेश उपाध्याय ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें कहा था कि लॉकडाउन की वजह से किसान अपनी फसलों को मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं. साथ ही फसल काटने के लिए राज्य सरकार की ओर से कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे फसल बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गई है.
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याचिका में कहा गया था कि किसानों को उनकी फसल का नगद भुगतान किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि किसानों को एक सप्ताह के भीतर फसल का भुगतान करें. वही, आज एक बार फिर मामले की सुनवाई में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया हैं. उत्तराखंड के काश्तकारों को खरीफ की फसल का भुगतान भी रबी फसल की तर्ज पर एक सप्ताह के भीतर करने के आदेश दिए हैं. हाई कोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड के किसानों को बड़ी राहत मिली है.
याचिकाकर्ता गणेश उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि लगभग 17 लाख क्विंटल धान का करीब 306 करोड़ों रुपए के सापेक्ष में राज्य सरकार द्वारा मात्र 25 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है और खाद्य रसद विभाग द्वारा अभी तक मात्र 35 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया है, जबकि किसानों का करीब 35 लाख क्विंटल धान आढ़ती व राइस मिलर द्वारा खरीदा गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट ने याचिका को निस्तारित कर दिया. साथ ही राज्य सरकार को काश्तकारों को एक सप्ताह के भीतर उनका भुगतान करने के आदेश दिए हैं.