नैनीताल: उधम सिंह नगर के एसपी रहे आईपीएस बरिंदर जीत सिंह के नियम विरुद्ध तरीके से ट्रांसफर के आरोप के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने आईपीएस बरिंदर सिंह को अपना शिकायती प्रत्यावेदन प्रदेश के गृह सचिव के पास ले जाने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश के गृह सचिव को निर्देश दिए हैं कि बरिंदर जीत सिंह के प्रत्यावेदन पर 2 माह के भीतर फैसला लेकर उसे निस्तारित करें.
ये था मामला
आपको बता दें कि उधम सिंह नगर के एसएसपी रहे आईपीएस अधिकारी बरिंदर जीत सिंह ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उन्होंने उत्तराखंड के डीजीपी रहे अनिल रतूड़ी, पूर्व डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार व पूर्व आईजी जगतराम जोशी पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
बरिंदर जीत सिंह ने ये आरोप लगाए थे
बरिंदर ने आरोप लगाया था कि उनको महत्वपूर्ण मामले में निष्पक्ष जांच करने से रोका गया. उनका नियम विरुद्ध तरीके से ट्रांसफर उधम सिंह नगर से आईआरबी में कर दिया गया. जबकि उनके द्वारा ईमानदारी से पुलिस विभाग में सेवा की गई. पूरी कर्तव्य निष्ठा से नियमों का पालन किया गया. लिहाजा सचिव क्रमिक द्वारा जारी किए गए स्थानांतरण के आदेश को निरस्त किया जाए.
सरकार ने दिया ये जवाब
पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को मामले में जवाब पेश करने के आदेश दिए थे. मंगलवार को राज्य सरकार के द्वारा कोर्ट में अपना जवाब पेश किया गया. सरकार ने बताया कि आईपीएस बरिंदर जीत सिंह का तबादला पूरे नियमों के अनुसार किया गया है. बरिंदर जीत सिंह द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं. लिहाजा याचिका को निस्तारित किया जाए.
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हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश
जिसके बाद मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को अपना प्रत्यावेदन गृह सचिव के पास ले जाने को कहा है. वहीं गृह सचिव को निर्देश दिए हैं कि प्रत्यावेदन पर 2 माह के भीतर फैसला लेकर उसे निस्तारित करें.