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हाई कोर्ट से उत्तराखंड सरकार को बड़ा झटका, विशेष अपील खारिज

याचिकाकर्ता गणेश उपाध्याय ने हाई कोर्ट से उधम सिंह नगर जिलाधिकारी के खिलाफ भी कोर्ट के आदेश की अवहेलना के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : Dec 22, 2020, 10:33 PM IST

नैनीताल: उधम सिंह नगर जिले में सरकारी प्राथमिक विद्यालयों और जूनियर हाई स्कूलों के विलिय करने के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ा झटका दिया है. नैनीताल हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ की खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया है.

बता दें कि उधम सिंह नगर निवासी गणेश उपाध्याय ने मार्च 2020 में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि उधम सिंह नगर में शिक्षा विभाग और जिलाधिकारी के आदेश पर प्राथमिक और जूनियर स्कूलों का आपस में विलीनीकरण किया जा रहा है, जो गलत है. गणेश उपाध्याय ने कहा था कि सरकार के इस फैसले से शिक्षा के अधिकार का हनन हो रहा है और कई बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित हो रहे हैं. लिहाजा डीएम उधम सिंह नगर के इस फैसले पर रोक लगाई जाए. मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने डीएम उधम सिंह नगर के आदेश पर तत्काल रोक लगा दी थी.

पढ़ें- हाई कोर्ट ने कृषि मंत्री सुबोध उनियाल व विधायक करन माहरा को जारी किया नोटिस

हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने विशेष अपील दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ की खंडपीठ ने राज्य सरकार की विशेष अपील को खारिज कर दी. जिससे राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है.

हाई कोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता गणेश उपाध्याय ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट में बताया कि स्कूलों के एकीकरण पर लगाई गई रोक के बावजूद भी डीएम उधम सिंह नगर ने 19 प्राथमिक विद्यालयों का विलय करते हुए उनका नाम लिस्ट से हटा दिया. जिसकी जानकारी उन्हें आरटीआई के माध्यम से मिली. लिहाजा डीएम उधम सिंह नगर पर हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना की कार्रवाई की जाए.

नैनीताल: उधम सिंह नगर जिले में सरकारी प्राथमिक विद्यालयों और जूनियर हाई स्कूलों के विलिय करने के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को बड़ा झटका दिया है. नैनीताल हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ की खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया है.

बता दें कि उधम सिंह नगर निवासी गणेश उपाध्याय ने मार्च 2020 में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि उधम सिंह नगर में शिक्षा विभाग और जिलाधिकारी के आदेश पर प्राथमिक और जूनियर स्कूलों का आपस में विलीनीकरण किया जा रहा है, जो गलत है. गणेश उपाध्याय ने कहा था कि सरकार के इस फैसले से शिक्षा के अधिकार का हनन हो रहा है और कई बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित हो रहे हैं. लिहाजा डीएम उधम सिंह नगर के इस फैसले पर रोक लगाई जाए. मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने डीएम उधम सिंह नगर के आदेश पर तत्काल रोक लगा दी थी.

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हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने विशेष अपील दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ की खंडपीठ ने राज्य सरकार की विशेष अपील को खारिज कर दी. जिससे राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है.

हाई कोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता गणेश उपाध्याय ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट में बताया कि स्कूलों के एकीकरण पर लगाई गई रोक के बावजूद भी डीएम उधम सिंह नगर ने 19 प्राथमिक विद्यालयों का विलय करते हुए उनका नाम लिस्ट से हटा दिया. जिसकी जानकारी उन्हें आरटीआई के माध्यम से मिली. लिहाजा डीएम उधम सिंह नगर पर हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना की कार्रवाई की जाए.

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