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राजनीतिक दुर्भावना से दायर दो याचिकाएं खारिज, हाईकोर्ट ने लगाया 50-50 हजार का जुर्माना

राजनीतिक दुर्भावना से दायर की गई दो अलग-अलग याचिकाओं को नैनीताल हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. साथ ही दोनों ही याचिकाकर्ताओं पर 50-50 हजार का जुर्माना लगाया है.

Uttarakhand High Court
दो याचिकाओं को हाईकोर्ट ने किया खारिज
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Published : Dec 8, 2021, 5:09 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राजनीतिक दुर्भावनाओं से प्रेरित होकर दायर की गई दो अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दोनों याचिकाकर्ताओं पर 50-50 हजार का जुर्माना लगाया है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में हुई.

हाईकोर्ट ने यह जुर्माना याचिकाकर्ताओं से दो सप्ताह के भीतर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन में जमा करने को कहा है. जुर्माना जमा नहीं करने पर कोर्ट ने हरिद्वार जिलाधिकारी को विधि अनुसार उनकी संपत्ति से वसूल करने के निर्देश दिए हैं. मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों की जनहित याचिकाएं भी खारिज कर दी हैं.

ये भी पढ़ें: कॉर्बेट टाइगर रिजर्वः गश्त कर रहे वनकर्मियों पर बाघिन का हमला, एक वन कर्मी घायल

पहले मामले में देहरादून निवासी उमेश कुमार ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, उनकी पत्नी और पुत्र अपने काफिले में हूटर और लाल बत्ती लगा कर मंगलौर, खानपुर, रुड़की सहित कई स्थानों पर जाते हैं. इससे क्षेत्र में भय का माहौल बना रहता है. हूटर बजाने से स्कूल, घरों, हॉस्पिटलों का माहौल खराब हो रहा है. इस पर रोक लगाई जाए.

पूर्व में भी कोर्ट ने सायरन आदि बजाने पर रोक लगाई थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह जनहित याचिका राजनैतिक दुर्भावनाओं से प्रेरित होकर दायर की गई है. विधायक 2017 से है. पहले जनहित याचिका दायर क्यों नहीं की गई.

दूसरी जनहित याचिका रुड़की निवासी संजीव कुमार ने महापौर गौरव गोयल के खिलाफ दायर की थी. इसमें कहा गया कि महापौर ने वित्तीय अनियमितताएं की हैं. उनके द्वारा जितने भी निर्माण कार्य किए गए हैं, उनमें घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है. लिहाजा इसकी जांच कराई जाए और उनके वित्तीय पावर सीज किये जाएं. इस जनहित याचिका को भी कोर्ट ने राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित मानते हुए खारिज कर दिया है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राजनीतिक दुर्भावनाओं से प्रेरित होकर दायर की गई दो अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दोनों याचिकाकर्ताओं पर 50-50 हजार का जुर्माना लगाया है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ में हुई.

हाईकोर्ट ने यह जुर्माना याचिकाकर्ताओं से दो सप्ताह के भीतर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन में जमा करने को कहा है. जुर्माना जमा नहीं करने पर कोर्ट ने हरिद्वार जिलाधिकारी को विधि अनुसार उनकी संपत्ति से वसूल करने के निर्देश दिए हैं. मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों की जनहित याचिकाएं भी खारिज कर दी हैं.

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पहले मामले में देहरादून निवासी उमेश कुमार ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, उनकी पत्नी और पुत्र अपने काफिले में हूटर और लाल बत्ती लगा कर मंगलौर, खानपुर, रुड़की सहित कई स्थानों पर जाते हैं. इससे क्षेत्र में भय का माहौल बना रहता है. हूटर बजाने से स्कूल, घरों, हॉस्पिटलों का माहौल खराब हो रहा है. इस पर रोक लगाई जाए.

पूर्व में भी कोर्ट ने सायरन आदि बजाने पर रोक लगाई थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह जनहित याचिका राजनैतिक दुर्भावनाओं से प्रेरित होकर दायर की गई है. विधायक 2017 से है. पहले जनहित याचिका दायर क्यों नहीं की गई.

दूसरी जनहित याचिका रुड़की निवासी संजीव कुमार ने महापौर गौरव गोयल के खिलाफ दायर की थी. इसमें कहा गया कि महापौर ने वित्तीय अनियमितताएं की हैं. उनके द्वारा जितने भी निर्माण कार्य किए गए हैं, उनमें घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है. लिहाजा इसकी जांच कराई जाए और उनके वित्तीय पावर सीज किये जाएं. इस जनहित याचिका को भी कोर्ट ने राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित मानते हुए खारिज कर दिया है.

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