नैनीताल: प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाला मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में एसआईटी को जमकर फटकार लगाई है. साथ ही घोटाले की जांच कर रही एसआईटी को 3 मार्च से पहले डिटेल एफिडेविट और घोटाले की जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
आज मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने घोटाले की जांच कर रही एसआईटी को 3 मार्च से पहले अपना विस्तृत जवाब शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करने को कहा है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने कोर्ट के मांग की कि इस पूरे मामले को सीबीआई को रेफर कर दिया जाये. कोर्ट ने इस पर कहा कि पहले एसआईटी अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें. जिसके बाद ही मामला सीबीआई को हस्तांतरित करने पर विचार किया जाएगा.
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वहीं, एसआईटी द्वारा आज कोर्ट में पेश किए गए जवाब में कहा गया कि हरिद्वार के 78 कॉलेजों में 51 एफआईआर, देहरादून में 57 कॉलेज पर 32 एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जबकि एक मामले में जांच पूरी हो गई है. जिसमें 20 में से 11 लोगों में जांच एडवांस स्टेज पर है.
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बता दें कि राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान में नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि समाज कल्याण विभाग के द्वारा वर्ष 2003 से लेकर अब तक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया है.
जिससे स्पष्ट होता है कि 2003 से अब तक विभाग के द्वारा करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है, जबकि 2017 में इसकी जांच के लिए पूर्व मुख्यमंत्री के द्वारा एसआईटी गठित की गई थी. जिसमें 3 महीने के भीतर जांच पूरी करने को भी कहा गया था. मगर इस पर आगे की कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. याचिकाकर्ता का कहना है कि इस घोटाले की जांच सीबीआई से करवाई जानी चाहिए.