नैनीताल: उत्तराखंड में तेजी से खुल रहे स्टोन क्रशर के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने अग्रिम आदेश तक नए स्टोन क्रशर खोलने पर रोक लगा दी है. साथ ही राज्य सरकार को 19 मार्च से पहले जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में अब तक कितने स्टोन क्रशर संचालित हो रहे हैं और कितने मानक पूरा करते हैं? इसे लेकर सरकार से जवाब मांगा है.
मामले की सुनवाई के दौरान अपर सचिव ओम प्रकाश हाईकोर्ट में पेश हुए. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि वो उधम सिंह नगर, नैनीताल और हरिद्वार जिले में अलग-अलग जगहों को चिन्हित करें, जहां पर स्टोन क्रशर स्थापित हो सके. साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को विस्तृत जवाब पेश करने के भी आदेश दिए हैं. जिसमें सरकार से पूछा गया है कि उत्तराखंड में कितने वैध और कितने अवैध स्टोन क्रशर संचालित हो रहे हैं?
ये भी पढ़े: दिल्ली के बाद उत्तराखंड पर बीजेपी की दो टूक, नहीं चलेगा आप का अति उत्साह
आपको बता दें कि उधम सिंह नगर निवासी तिलोकचंद ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश में 300 से अधिक स्टोन क्रशर हैं और कोई भी स्टोन क्रशर मानकों को पूरा नहीं करता है. अधिकांश स्टोन क्रशर आबादी वाले क्षेत्र में है. वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि स्टोन क्रशर एक उद्योग है, जिसे औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित किया जाना चाहिए.