नैनीताल: हाईकोर्ट ने राज्य में सहायक अध्यापक बेसिक के 2600 पदों की नियुक्ति प्रक्रिया पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है. साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, एनसीटीई (नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन) को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने को कहा है.
बता दें कि, हरिद्वार निवासी जयवीर सिंह समेत अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार के द्वारा उत्तराखंड में 2600 पदों पर सहायक अध्यापक बेसिक के पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन जारी किए गए हैं. इसमें सरकार के द्वारा 15 जनवरी को आदेश जारी कर सहायक अध्यापक बेसिक की भर्ती के लिए एनआईओएस (नेशनल स्कूल ऑफ ओपन स्कूलिंग) से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) करने वाले अभ्यर्थियों को आवेदन करने के लिए योग्य करार दिया है. 6 जनवरी को एनसीटीई ने राज्यों को पत्र भी जारी कर एनआईओएस से 18 माह का ऑनलाइन डीएलएड कोर्स पास करने वाले अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल कराने के आदेश दिए थे. जिसके बाद प्रदेश के शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसका शासनादेश भी जारी कर दिया.
पढ़ें: 'दिल्ली हिंसा में पाकिस्तान' वाले CM के बयान से भड़की कांग्रेस, बोली- BJP की साजिश
हाईकोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता का कहना है कि शिक्षा विभाग की सेवा नियमावली में एनआईओएस विद्यार्थियों के लिए कोई प्रावधान नहीं है. एनसीटीई के एक पत्र के आधार पर डीएलएड अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं कर सकता है. इस पत्र का कोई कानूनी महत्व नहीं है.
उन्होंने कहा कि कोर्ट की शरण में पहुंचे सभी लोग टीईटी क्वालिफाइड हैं और आरटीई में प्रावधान है कि बेसिक शिक्षक बनने के लिए 2 साल का नियमित प्रशिक्षण जरूरी है. लेकिन सरकार के द्वारा जिन अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है वह किसी भी प्रकार के नियमों को पूरा नहीं करते हैं. लिहाजा डीएलएड अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने से रोका जाए.