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उत्तरायणी मेले में सरयू नदी हो रही मैली, HC ने किनारे से व्यावसायिक गतिविधियों पर लगाई रोक - नदी प्रदूषित उत्तराखंड

Commercial Activities Near Saryu River in Bageshwar नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तरायणी मेले के दौरान सरयू नदी में कूड़ा आदि डालने के मामले में सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने सरयू नदी तट पर व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगा दी है. ताकि, सरयू नदी का पानी प्रदूषित न हो.

Nainital High Court Ban On Commercial Activities
उत्तरायणी मेला बागेश्वर
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 15, 2023, 7:11 PM IST

नैनीताल: बागेश्वर में उत्तरायणी मेले के दौरान सरयू नदी में दुकानों का कूड़ा डालने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने बागेश्वर जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वे नदी के किनारे कोई व्यावसायिक गतिविधियां न आयोजित कराएं, जिसकी वजह से नदी प्रदूषित हो. सुनवाई पर प्रशासन ने कहा कि मेले के दौरान नदी के किनारे व्यावसायिक गतिविधियां होती है, इस पर रोक लगाई जा रही है.

Uttarayani Mela Bageshwar
बागेश्वर में सरयू तट

दरअसल, बागेश्वर निवासी पूरन सिंह रावत ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि बागेश्वर में सरयू नदी के तट पर हर साल उत्तरायणी मेले का आयोजन नगर पालिका परिषद और जिला प्रशासन की ओर से किया जाता है. इसके लिए नगर पालिका सरयू नदी के तट सभी प्रकार की दुकानें आवंटित करती है, जिसमें खाने और मीट की दुकानें भी शामिल हैं, लेकिन मीट की दुकानों का सारी गंदगी सरयू नदी में डाला जाता है. जिससे नदी प्रदूषित हो रही है.
ये भी पढ़ेंः डंपिंग जोन बनी उत्तराखंड की नदियां, आचमन लायक भी नहीं रहा पानी, अंधाधुंध विकास से खतरे में अस्तित्व!

वहीं, जनहित याचिका में ये भी कहा गया है कि सरयू नदी के तट पर कई मंदिर भी स्थित हैं. जिससे लोगों की अगाध आस्था जुड़ी हुई है. ऐसे में नदी में वेस्ट डालकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया जाता है. इसको रोकने के लिए स्थानीय लोगों ने कई बार जिला प्रशासन और नगर पालिका को प्रत्यावेदन दिया, लेकिन उनके प्रत्यावेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस पर रोक लगाई जाए. ताकि, सरयू नदी प्रदूषित न हो.

नैनीताल: बागेश्वर में उत्तरायणी मेले के दौरान सरयू नदी में दुकानों का कूड़ा डालने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने बागेश्वर जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वे नदी के किनारे कोई व्यावसायिक गतिविधियां न आयोजित कराएं, जिसकी वजह से नदी प्रदूषित हो. सुनवाई पर प्रशासन ने कहा कि मेले के दौरान नदी के किनारे व्यावसायिक गतिविधियां होती है, इस पर रोक लगाई जा रही है.

Uttarayani Mela Bageshwar
बागेश्वर में सरयू तट

दरअसल, बागेश्वर निवासी पूरन सिंह रावत ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि बागेश्वर में सरयू नदी के तट पर हर साल उत्तरायणी मेले का आयोजन नगर पालिका परिषद और जिला प्रशासन की ओर से किया जाता है. इसके लिए नगर पालिका सरयू नदी के तट सभी प्रकार की दुकानें आवंटित करती है, जिसमें खाने और मीट की दुकानें भी शामिल हैं, लेकिन मीट की दुकानों का सारी गंदगी सरयू नदी में डाला जाता है. जिससे नदी प्रदूषित हो रही है.
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वहीं, जनहित याचिका में ये भी कहा गया है कि सरयू नदी के तट पर कई मंदिर भी स्थित हैं. जिससे लोगों की अगाध आस्था जुड़ी हुई है. ऐसे में नदी में वेस्ट डालकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया जाता है. इसको रोकने के लिए स्थानीय लोगों ने कई बार जिला प्रशासन और नगर पालिका को प्रत्यावेदन दिया, लेकिन उनके प्रत्यावेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस पर रोक लगाई जाए. ताकि, सरयू नदी प्रदूषित न हो.

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