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दून विश्वविद्यालय में अनियमितता का मामला, नैनीताल HC ने सरकार से किया जवाब तलब - उत्तराखंड लेटेस्ट न्यूज

साल 2014 से 2016 के बीच दून विश्वविद्यालय में फर्नीचर की खरीद को लेकर अनियमितता हुई थी. वहीं, सरकार द्वारा इस मामले की जांच के बाद भी अनियमितता की पुष्टि हुई थी. लेकिन इसके बावजूद भी दून विवि प्रशासन और सरकार ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में याचिकाकर्ता ने कोर्ट से इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

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Published : Sep 21, 2022, 6:40 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज देहरादून स्थित दून विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य सरकार, दून विवि प्रशासन और एक अन्य को नोटिस जारी 1 दिसंबर तक जवाब पेश करने को कहा है. ऐसे में अब इस मामले की अगली सुनवाई कोर्ट ने 1 दिसंबर को नियत की है.

जानकारी के मुताबिक, देहरादून की समाजसेविका अनु पंत ने उच्च न्यायालय में जनहित दायर कर कहा है कि साल 2014 से 2016 तक दून विश्वविद्यालय में अनेक वित्तीय अनिमिताएं पाई गई थी. साथ ही इस अवधि के दौरान विश्वविद्यालय ने की गई क्रय विक्रय प्रक्रिया में किसी भी तरह की पारदर्शी नहीं अपनाई. जो कुर्सी मेज इस दौरान खरीदे गए, वह जरूरत से कहीं ज्यादा खरीदे गए. जिससे संस्थान और राज्य सरकार को आर्थिक हानि हुई है.

पढ़ें- नैनीताल HC ने अग्रिम आदेश तक IFS किशन चंद की गिरफ्तारी पर लगाई रोक

वहीं, याचिकाकर्ता द्वारा अपने प्रत्यावेदन के माध्यम से राज्य सरकार के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया. जिसके बाद सरकार ने 2017 में इसकी जांच की और जांच में अनियमितताओं की पुष्टि भी हुई. लेकिन इसके बाद भी संस्थान या राज्य सरकार द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में याचिकाकर्ता ने कोर्ट से प्रार्थना की है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज देहरादून स्थित दून विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने राज्य सरकार, दून विवि प्रशासन और एक अन्य को नोटिस जारी 1 दिसंबर तक जवाब पेश करने को कहा है. ऐसे में अब इस मामले की अगली सुनवाई कोर्ट ने 1 दिसंबर को नियत की है.

जानकारी के मुताबिक, देहरादून की समाजसेविका अनु पंत ने उच्च न्यायालय में जनहित दायर कर कहा है कि साल 2014 से 2016 तक दून विश्वविद्यालय में अनेक वित्तीय अनिमिताएं पाई गई थी. साथ ही इस अवधि के दौरान विश्वविद्यालय ने की गई क्रय विक्रय प्रक्रिया में किसी भी तरह की पारदर्शी नहीं अपनाई. जो कुर्सी मेज इस दौरान खरीदे गए, वह जरूरत से कहीं ज्यादा खरीदे गए. जिससे संस्थान और राज्य सरकार को आर्थिक हानि हुई है.

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वहीं, याचिकाकर्ता द्वारा अपने प्रत्यावेदन के माध्यम से राज्य सरकार के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया. जिसके बाद सरकार ने 2017 में इसकी जांच की और जांच में अनियमितताओं की पुष्टि भी हुई. लेकिन इसके बाद भी संस्थान या राज्य सरकार द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में याचिकाकर्ता ने कोर्ट से प्रार्थना की है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

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