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BJP MLA हरभजन सिंह चीमा को HC से राहत, विधायकी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज - Nainital High Court

नैनीताल हाईकोर्ट ने काशीपुर से बीजेपी विधायक हरभजन सिंह चीमा की विधायकी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर लिया है. बता दें, काशीपुर निवासी राजीव अग्रवाल ने साल 2017 में चुनाव दौरान हरभजन सिंह चीमा के नामांकन पत्र को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

Nainital High Court
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Published : Sep 24, 2021, 7:14 PM IST

नैनीताल: नैनीताल हाईकोर्ट ने काशीपुर से बीजेपी विधायक हरभजन सिंह चीमा की विधायकी को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने विधायक को राहत देते हुए उनके खिलाफ दायर चुनाव याचिका को खारिज कर दिया है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में हुई.

मामले के अनुसार काशीपुर निवासी राजीव अग्रवाल ने चुनाव याचिका दायर कर कहा था कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में काशीपुर के विधायक हरभजन सिंह चीमा ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. उनका चीमा पर आरोप था कि चीमा की आयु आधार कार्ड और पैनकार्ड में अलग-अलग है. यह भी कहा गया था कि हरभजन सिंह चीमा की कंपनी, चीमा पेपर मिल पर बकाया है, जिसका उल्लेख उन्होंने अपने नामांकन पत्र में नहीं किया है और जिस व्यक्ति पर बकाया होता है वह चुनाव नहीं लड़ सकता है.

चीमा पर यह भी आरोप लगाया गया कि चीमा की शैक्षिक योग्यता स्नातक है लेकिन चीमा ने अपने नामांकन पत्र में हाईस्कूल लिखा है. इसके बावजूद 30 जनवरी 2017 को चीमा का नामांकन पत्र वैध माना गया. जब इसकी शिकायत उन्होंने चुनाव अधिकारी से की तो कोई कार्रवाई नहीं हुई.

पढ़ें- रेप मामले में भाई को फांसी की सजा, बिन मां-बाप की बच्ची की 6 महीने तक लूटी अस्मत

सुनवाई के दौरान चीमा के अधिवक्ता ने कहा कि साल 2017 में जो नामांकन पत्र दाखिल किया गया था, वह सही था. उसमें शैक्षिक योग्यता और उम्र, जन्मतिथि प्रमाण पत्रों के अनुरूप भरी गयी थी, जिसमे कोई हेराफेरी नहीं की गई थी. चीमा पेपर मिल पर बकाए के संबंध में उनके द्वारा कोर्ट में कहा गया कि कंपनी उनकी ही है और कंपनी के प्रति डायरेक्टर की देनदारी नहीं बनती है.

नैनीताल: नैनीताल हाईकोर्ट ने काशीपुर से बीजेपी विधायक हरभजन सिंह चीमा की विधायकी को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने विधायक को राहत देते हुए उनके खिलाफ दायर चुनाव याचिका को खारिज कर दिया है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में हुई.

मामले के अनुसार काशीपुर निवासी राजीव अग्रवाल ने चुनाव याचिका दायर कर कहा था कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में काशीपुर के विधायक हरभजन सिंह चीमा ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. उनका चीमा पर आरोप था कि चीमा की आयु आधार कार्ड और पैनकार्ड में अलग-अलग है. यह भी कहा गया था कि हरभजन सिंह चीमा की कंपनी, चीमा पेपर मिल पर बकाया है, जिसका उल्लेख उन्होंने अपने नामांकन पत्र में नहीं किया है और जिस व्यक्ति पर बकाया होता है वह चुनाव नहीं लड़ सकता है.

चीमा पर यह भी आरोप लगाया गया कि चीमा की शैक्षिक योग्यता स्नातक है लेकिन चीमा ने अपने नामांकन पत्र में हाईस्कूल लिखा है. इसके बावजूद 30 जनवरी 2017 को चीमा का नामांकन पत्र वैध माना गया. जब इसकी शिकायत उन्होंने चुनाव अधिकारी से की तो कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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सुनवाई के दौरान चीमा के अधिवक्ता ने कहा कि साल 2017 में जो नामांकन पत्र दाखिल किया गया था, वह सही था. उसमें शैक्षिक योग्यता और उम्र, जन्मतिथि प्रमाण पत्रों के अनुरूप भरी गयी थी, जिसमे कोई हेराफेरी नहीं की गई थी. चीमा पेपर मिल पर बकाए के संबंध में उनके द्वारा कोर्ट में कहा गया कि कंपनी उनकी ही है और कंपनी के प्रति डायरेक्टर की देनदारी नहीं बनती है.

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