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निर्वाचन आयोग ने किया KMOU की 400 बसों का अधिग्रहण, यात्री परेशान - उत्तराखंड न्यूज

यूनियन के संचालक लेखा विभाग के अधिकारी चंद्रशेखर बिनवाल का कहना है कि यूनियन के पास हल्द्वानी में करीब 300 और रामनगर में 150 बसें हैं. लेकिन चुनाव के लिए आयोग ने करीब 400 बसों का अधिग्रहण किया है. जिसके चलते यात्री परेशान हो रहे हैं.

पहाड़ की लाइफ लाइन थमने से यात्री परेशान
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Published : Apr 8, 2019, 7:18 PM IST

हल्द्वानी: कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स यूनियन लिमिटेड (KMOU) की बसें पहाड़ के यात्रियों की लाइफ लाइन कही जाती हैं, लेकिन चुनाव के सीजन में पहाड़ की ये लाइफ लाइन थम सी गई है. निर्वाचन आयोग ने KMOU की 400 बसों का अधिग्रहण कर निर्वाचन प्रक्रिया में लगा दिया है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ें- BJP के संकल्प पत्र पर बोले श्याम जाजू, कहा - राष्ट्रवाद हमारी आत्मा है

दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 के लिए 11 अप्रैल को मतदान होना है. निर्वाचन आयोग ने इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. आयोग ने निर्वाचन कर्मचारियों को लाने और ले जाने के लिए केएमओयू की लगभग 400 बसों का अधिग्रहण किया है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पहाड़ की लाइफ लाइन थमने से यात्री परेशान

ऐसा नहीं है कि बसों का अधिग्रहण हो जाने से सिर्फ यात्री परेशान हैं, वाहन स्वामी भी परेशान हैं. यूनियन के संचालक लेखा विभाग के अधिकारी चंद्रशेखर बिनवाल का कहना है कि यूनियन के पास हल्द्वानी में करीब 300 और रामनगर में 150 बसें हैं. लेकिन चुनाव के लिए आयोग ने करीब 400 बसों का अधिग्रहण किया है. जिसके चलते यात्री परेशान हो रहे हैं.

बता दें कि पहाड़ों के यात्रियों के लिए सबसे सुविधाजनक केएमओयू की बसें हैं, केएमओयू की बसें यात्रियों को कम पैसों में यात्रा की सुविधा मुहैय्या कराती है, लेकिन बसों के नहीं होने से यात्रियों को मजबूरन टैक्सियों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे यात्रियों की जेब पर ज्यादा बोझ पड़ रहा है.

हल्द्वानी: कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स यूनियन लिमिटेड (KMOU) की बसें पहाड़ के यात्रियों की लाइफ लाइन कही जाती हैं, लेकिन चुनाव के सीजन में पहाड़ की ये लाइफ लाइन थम सी गई है. निर्वाचन आयोग ने KMOU की 400 बसों का अधिग्रहण कर निर्वाचन प्रक्रिया में लगा दिया है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 के लिए 11 अप्रैल को मतदान होना है. निर्वाचन आयोग ने इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. आयोग ने निर्वाचन कर्मचारियों को लाने और ले जाने के लिए केएमओयू की लगभग 400 बसों का अधिग्रहण किया है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पहाड़ की लाइफ लाइन थमने से यात्री परेशान

ऐसा नहीं है कि बसों का अधिग्रहण हो जाने से सिर्फ यात्री परेशान हैं, वाहन स्वामी भी परेशान हैं. यूनियन के संचालक लेखा विभाग के अधिकारी चंद्रशेखर बिनवाल का कहना है कि यूनियन के पास हल्द्वानी में करीब 300 और रामनगर में 150 बसें हैं. लेकिन चुनाव के लिए आयोग ने करीब 400 बसों का अधिग्रहण किया है. जिसके चलते यात्री परेशान हो रहे हैं.

बता दें कि पहाड़ों के यात्रियों के लिए सबसे सुविधाजनक केएमओयू की बसें हैं, केएमओयू की बसें यात्रियों को कम पैसों में यात्रा की सुविधा मुहैय्या कराती है, लेकिन बसों के नहीं होने से यात्रियों को मजबूरन टैक्सियों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे यात्रियों की जेब पर ज्यादा बोझ पड़ रहा है.

Intro:स्लग- निर्वाचन विभाग ने की kmou की बसों को लगा चुनाव ड्यूटी में यात्री परेशान
रिपोर्टर -भावनाथ पंडित /हल्द्वानी

एंकर- पहाड़ के यात्रियों के लिए लाइफ लाइन का है जाने वाली कुमाऊँ मोटर्स ऑनर्स यूनियन लिमिटेड यानी (kmou) की बसों को निर्वाचन विभाग ने अधिग्रहण कर लिया है जिसके चलते पहाड़ों को जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इसके अलावा मोटर मालिकों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है।



Body:दरअसल 11 अप्रैल को उत्तराखंड में पहले चरण का लोकसभा का चुनाव होने जा रहा है। निर्वाचन विभाग ने इसकी सभी तैयारी पूरी कर ले हैं ।निर्वाचन ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों को लाने ले जाने के लिए जिला निर्वाचन विभाग ने केएमओयू की लगभग 400 बसों को अधिकरण कर लिया है जिसके चलते यात्रियों को काफी फजीहत उठाना पड़ रहा है ।यही नहीं बसों के निर्वाचन विभाग द्वारा अधिग्रहण जाने के बाद बस मोटर स्वामी भी परेशान है। यूनियन के संचालक लेखा विभाग के अधिकारी चंद्रशेखर बिनवाल का कहना है कि यूनियन के पास हल्द्वानी में करीब 300 बसें हैं जबकि रामनगर में 150 बस से तैनात हैं। निर्वाचन विभाग द्वारा करीब 400 बसों को चुनाव के लिए अधिग्रहण कर लिया गया है।


Conclusion:यूनियन के बस संचालन अधिकारी का कहना है कि करीब 80% उनके बसों को निर्वाचन विभाग ने अधिग्रहण कर लिया है ।जिसके चलते यात्री परेशान हो रहे हैं और आने वाले 11 अप्रैल तक इसी तरह के हालात बने रहेंगे। गौरतलब है कि पहाड़ों के लिए मात्र केएमवोयू की बस यात्रियों के लिए सबसे ज्यादा सुविधाजनक यात्रा है इस समय नवरात्र और यात्रा सीजन है। kmou की बसों द्वारा कम पैसे में यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा करा कर अपने स्थानों तक पहुंचाए जाता हैं ऐसे में अब मजबूरन लोगों को छोटी टैक्सियों का सहारा लेना पड़ रहा है जो यात्री के जेब पर ज्यादा बोझ पड़ रहा है।
बाइट- चंद्रशेखर बिनवाल संचालक लेखा अधिकारी
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