हल्द्वानी: कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स यूनियन लिमिटेड (KMOU) की बसें पहाड़ के यात्रियों की लाइफ लाइन कही जाती हैं, लेकिन चुनाव के सीजन में पहाड़ की ये लाइफ लाइन थम सी गई है. निर्वाचन आयोग ने KMOU की 400 बसों का अधिग्रहण कर निर्वाचन प्रक्रिया में लगा दिया है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 के लिए 11 अप्रैल को मतदान होना है. निर्वाचन आयोग ने इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. आयोग ने निर्वाचन कर्मचारियों को लाने और ले जाने के लिए केएमओयू की लगभग 400 बसों का अधिग्रहण किया है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
ऐसा नहीं है कि बसों का अधिग्रहण हो जाने से सिर्फ यात्री परेशान हैं, वाहन स्वामी भी परेशान हैं. यूनियन के संचालक लेखा विभाग के अधिकारी चंद्रशेखर बिनवाल का कहना है कि यूनियन के पास हल्द्वानी में करीब 300 और रामनगर में 150 बसें हैं. लेकिन चुनाव के लिए आयोग ने करीब 400 बसों का अधिग्रहण किया है. जिसके चलते यात्री परेशान हो रहे हैं.
बता दें कि पहाड़ों के यात्रियों के लिए सबसे सुविधाजनक केएमओयू की बसें हैं, केएमओयू की बसें यात्रियों को कम पैसों में यात्रा की सुविधा मुहैय्या कराती है, लेकिन बसों के नहीं होने से यात्रियों को मजबूरन टैक्सियों का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे यात्रियों की जेब पर ज्यादा बोझ पड़ रहा है.