नैनीताल: सरोवर नगरी नैनीताल में मां नैना देवी मंदिर का 134वां स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया. जो अगले तीन दिनों तक मनाया जाएगा. जिसमें श्रद्धालु मां की उपासना के साथ ही पूजा-अर्चना की जाती है. मंदिर मां सती के शक्ति रूप की पूजा की जाती है. साथ ही मंदिर में मां सती के दोनों नेत्रों की पूजा की जाती है.
नैना देवी मंदिर नैनी झील किनारे स्थित है. धर्म ग्रंथों के अनुसार जब शिव सती के मृत देह को लेकर कैलाश पर्वत जा रहे थे, तब जहां-जहां मां सती के शरीर के अंग गिरे वहां शक्तिपीठ स्थापित हो गए. नैनी झील के समीप मां सती का दायां नेत्र गिरा था. नयनों की अश्रुधार ने यहां पर ताल का रूप ले लिया. जिसके बाद से यहां नन्दा (पार्वती) की पूजा नैनादेवी के रूप में होती है.
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उन्नीसवीं शताब्दी में नैनीताल की खोज होने के बाद यहां के स्थानीय निवासी मोतीराम साह ने सरोवर किनारे मां नैना देवी का मंदिर बनाया. जिसके बाद से हर साल मंदिर का स्थापना दिवस बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस मौके पर हजारों श्रद्धालु मां नैना देवी के दर्शन के लिए मंदिर पहुंचते हैं.