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मिसाल: 48 सालों से दशहरे में योगदान दे रहा मुस्लिम परिवार

नैनीताल में दशहरे की तैयारियां पूरे शबाब पर हैं. इस बार नैनीताल में 35 फुट ऊंचा रावण का पुतला तैयार किया गया है. यह पुतला एक मुस्लिम परिवार ने तैयार किया है, जो पिछले 48 सालों से हर साल विजयदशमी के लिए रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले बना रहा है.

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Published : Oct 8, 2019, 12:00 AM IST

नैनाताल में 35 फीट ऊंचा बना रावण.

नैनीताल: आज जहां एक तरफ पूरे देश में राम मंदिर और मस्जिद निर्माण को लेकर बवाल मचा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ एक मुस्लिम परिवार पिछले चार दशकों से सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहा है. बीते 48 सालों से एक मुस्लिम परिवार रामलीला के दौरान रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले बना रहा है.

48 सालों से मुस्लिम परिवार बना रहा पुतले.

पुतला बना रहे शहनशाह बताते हैं कि उनके पिता दहशरा के लिए रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले बनाते थे. जिसके बाद उन्होंने उसे यह काम विरासत में दिया है. उनकी मौत के बाद उन्होंने अपने पिता के काम को आज भी जिंदा रखा हुआ है. वे बताते हैं कि इन पुतलों को बनाने में करीब 9 से 10 दिन का समय लगता है. जिसमें वो कागज, बांस, धागा,सुतली का प्रयोग करते हैं. इस बार शहनशाह के परिवार ने मिलकर 35 फीट ऊंचे रावण का पुतला बनाया है.

पढ़ें- देहरादूनः परेड ग्राउंड में मंगलवार शाम 6.05 बजे होगा 62 फुट के रावण का दहन

अब शहनशाह का परिवार केवल नैनीताल ही नहीं बल्कि पूरे देश के कई शहरों में जाकर रामलीला के दौरान पुतले बनाने का काम करता है. उन्होंने बताया कि उनके पिता द्वारा शुरू किए गए इस काम से लंबे समय तक उनकी आजीविका चलती रही है. जिसके बाद उन्होंने अपना काम बढ़ाया और अब पुतले बनाने के साथ टेंट का काम भी करते हैं.

नैनीताल: आज जहां एक तरफ पूरे देश में राम मंदिर और मस्जिद निर्माण को लेकर बवाल मचा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ एक मुस्लिम परिवार पिछले चार दशकों से सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहा है. बीते 48 सालों से एक मुस्लिम परिवार रामलीला के दौरान रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले बना रहा है.

48 सालों से मुस्लिम परिवार बना रहा पुतले.

पुतला बना रहे शहनशाह बताते हैं कि उनके पिता दहशरा के लिए रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले बनाते थे. जिसके बाद उन्होंने उसे यह काम विरासत में दिया है. उनकी मौत के बाद उन्होंने अपने पिता के काम को आज भी जिंदा रखा हुआ है. वे बताते हैं कि इन पुतलों को बनाने में करीब 9 से 10 दिन का समय लगता है. जिसमें वो कागज, बांस, धागा,सुतली का प्रयोग करते हैं. इस बार शहनशाह के परिवार ने मिलकर 35 फीट ऊंचे रावण का पुतला बनाया है.

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अब शहनशाह का परिवार केवल नैनीताल ही नहीं बल्कि पूरे देश के कई शहरों में जाकर रामलीला के दौरान पुतले बनाने का काम करता है. उन्होंने बताया कि उनके पिता द्वारा शुरू किए गए इस काम से लंबे समय तक उनकी आजीविका चलती रही है. जिसके बाद उन्होंने अपना काम बढ़ाया और अब पुतले बनाने के साथ टेंट का काम भी करते हैं.

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नैनीताल में दशहरे की तैयारियां पूरे शबाब पर है, इस बार नैनीताल में 35 फुट ऊंचा रावण का पुतला तैयार किया गया है।

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बीते 48 सालों से एक मुस्लिम परिवार रामलीला के दौरान रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले बना रहे हैं, जो धार्मिक एकता की सौहार्द की मिसाल पेश करती है, पुतला बना रहे शहंशाह बताते हैं कि इन पुतलों को बनाने में करीब 9 से 10 दिन का समय लगता है जिसमें वो कागज, बांस,धागा,सुतली का प्रयोग करते हैं।


Body:आज जहां एक तरफ पूरे देश में राम मंदिर और मस्जिद निर्माण को लेकर बवाल मचा हुआ है वहीं दूसरी तरफ एक मुस्लिम परिवार ने पिछले चार दशकों से सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है क्योंकि यह मुस्लिम परिवार बीते 48 साल से पूरे देश भर में रामलीला के दौरान रावण, कुम्भकरण ,मेघनाद समेत कई अन्य पुतले बनाते है।
पुतला बना रहे शहंशाह बताते हैं कि उनके पिता उनको पुतला बनाने का काम विरासत में दे गए, और उनकी मौत के बाद उन्होंने अपने पिता के काम को आज भी जिंदा रखा है।



Conclusion:शहंशाह का परिवार केवल नैनीताल नहीं बल्कि पूरे देश के विभिन्न शहरों में जाकर भी रामलीला के दौरान पुतले बनाने का काम करते हैं, वही शहंशाह बताते हैं कि उनके पिता द्वारा शुरू किए गए इस काम से लंबे समय तक उनकी आजीविका चलती रही जिसके बाद उन्होंने अपना काम बढ़ाया और अब पुतले बनाने के साथ टेंट का काम भी करते हैं।

बाईट- शहनशाह
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