हल्द्वानी: नैनीताल-उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद अजय भट्ट ने एक बार फिर लोकसभा में नियम 377 के तहत पहाड़ की पीड़ा सदन के सामने रखी. उन्होंने कहा कि वन बाहुल्य क्षेत्र होने के चलते उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष काफी बढ़ गया है. वन्यजीवों के कारण सैकड़ों लोग अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं. साथ ही फसलों को हो रहे नुकसान से लोग पलायन करने को मजबूर हैं.
सांसद अजय भट्ट ने सदन को अवगत कराया कि उत्तराखंड के किसान वन्यजीवों के आतंक के कारण अपनी खेती कर पाने में पूर्णतया असमर्थ हैं. मजबूरी में लोग क्रॉप पैटर्न चेंज कर रहे हैं, जो कि भुखमरी की समस्या उत्पन्न करेगा. अजय भट्ट ने कहा कि मैं केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि सरकार इस समस्या की गंभीरता को समझे. समस्त हित धारकों नीति निर्माताओं, केंद्र सरकार और केंद्रीय वन विभाग सहित सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय करते हुए इसमें कोई दीर्घकालिक कदम उठाएं. ताकि वन्यजीवों से प्रभावित होने वाले आमजन को राहत मिल सके.
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इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार सौर ऊर्जा तार यानी सोलर फेंसिंग, बाड़, भूमि उपयोग नियोजन, ईको टूरिज्म, पर्यावरण सेवा कर, ग्रीन बोनस जैसे सुझाव पर भी अमल करें. सांसद अजय भट्ट ने सदन को कहा कि क्रॉप चेंज पैटर्न यानी फसल परिवर्तन के लिए भी यहां संसाधन उपलब्ध कराए जाने चाहिए. साथ ही वन्य कानूनों में भी बदलाव करने की आवश्यकता है.