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हल्द्वानी: नाबालिग कैदी और संवासिनियां बना रहीं राखी, कल को बेहतर बनाने का प्रयास

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Published : Aug 8, 2022, 10:58 AM IST

कालाढूंगी रोड स्थित राजकीय महिला कल्याण एवं पुनर्वास केंद्र और इसी परिसर में बने किशोर सम्प्रेषण गृह में राखियां बनाई जा रही हैं. यहां नाबालिग मुजरिम और संवासिनियां अपने आने वाले कल को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं.

Haldwani
हल्द्वानी

हल्द्वानी: रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक है. बाजारों में इन दिनों रंग बिरंगी राखियों की भरमार है. इस बीच कालाढूंगी रोड स्थित राजकीय महिला कल्याण एवं पुनर्वास केंद्र और इसी परिसर में बने किशोर सम्प्रेषण गृह में राखियां बनाई जा रही हैं. यहां नाबालिग मुजरिम और संवासिनियां अपने आने वाले कल को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही संप्रेषण गृह (बाल सुधार गृह) के कार्मिक भी उन्हें हौसला और रचनात्मकता के जरिए आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं.

यहां पढ़ाई के साथ उन्हें स्वावलंबी बनाने और उनके अंदर छुपी प्रतिभा को निखारने का काम किया जा रहा है. रक्षाबंधन के लिए संवासिनियां व बच्चे इन दिनों आकर्षक राखियां बना रहे हैं, जिन्हें बाजार में बेचा जाएगा. आम तौर पर यहां पर रहने वाली संवासिनियां व बच्चों को लेकर समाज में एक अलग ही राय होती है. इन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए ही इन्हें विभिन्न प्रशिक्षणों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जाता रहा है. ताकि समाज के लोग इनकी प्रतिभा को देखें और उन्हें प्यार दें.
पढ़ें- 8 साल से अधर में लटके अंतरराष्ट्रीय जू निर्माण का रास्ता साफ, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने किया दौरा

ये लोग एक से बढ़कर एक राखियां तैयार कर रहे हैं. इससे पहले भी इनके द्वारा दीपावली हो या अन्य त्यौहार कई आकर्षक वस्तुएं तैयार की गई हैं. जिन्हें लोगों ने काफी पसंद किया गया है. जनमाष्टमी की तैयारियां भी चल रही हैं. संप्रेषण गृह प्रबंधन ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर चित्रकला प्रतियोगिता भी करवाई है, जिन्हें देख वास्तव में इनके अंदर के छुपे कलाकार और बालपन का बोध होता है. वहीं, दूसरी ओर हस्त निर्मित राखियां बाजार में बिकने वाली महंगी राखियों को टक्कर दे रही हैं.

Haldwani
संप्रेषण गृह में बनी राखियों की अच्छी डिमांड.

हल्द्वानी: रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक है. बाजारों में इन दिनों रंग बिरंगी राखियों की भरमार है. इस बीच कालाढूंगी रोड स्थित राजकीय महिला कल्याण एवं पुनर्वास केंद्र और इसी परिसर में बने किशोर सम्प्रेषण गृह में राखियां बनाई जा रही हैं. यहां नाबालिग मुजरिम और संवासिनियां अपने आने वाले कल को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही संप्रेषण गृह (बाल सुधार गृह) के कार्मिक भी उन्हें हौसला और रचनात्मकता के जरिए आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं.

यहां पढ़ाई के साथ उन्हें स्वावलंबी बनाने और उनके अंदर छुपी प्रतिभा को निखारने का काम किया जा रहा है. रक्षाबंधन के लिए संवासिनियां व बच्चे इन दिनों आकर्षक राखियां बना रहे हैं, जिन्हें बाजार में बेचा जाएगा. आम तौर पर यहां पर रहने वाली संवासिनियां व बच्चों को लेकर समाज में एक अलग ही राय होती है. इन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए ही इन्हें विभिन्न प्रशिक्षणों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जाता रहा है. ताकि समाज के लोग इनकी प्रतिभा को देखें और उन्हें प्यार दें.
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ये लोग एक से बढ़कर एक राखियां तैयार कर रहे हैं. इससे पहले भी इनके द्वारा दीपावली हो या अन्य त्यौहार कई आकर्षक वस्तुएं तैयार की गई हैं. जिन्हें लोगों ने काफी पसंद किया गया है. जनमाष्टमी की तैयारियां भी चल रही हैं. संप्रेषण गृह प्रबंधन ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर चित्रकला प्रतियोगिता भी करवाई है, जिन्हें देख वास्तव में इनके अंदर के छुपे कलाकार और बालपन का बोध होता है. वहीं, दूसरी ओर हस्त निर्मित राखियां बाजार में बिकने वाली महंगी राखियों को टक्कर दे रही हैं.

Haldwani
संप्रेषण गृह में बनी राखियों की अच्छी डिमांड.
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