हल्द्वानी: प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा खनन से राजस्व देने वाली गौला नदी से निकलने वाले उप खनिज कार्य अपने निर्धारित समय से पहले ही बंद हो गया है. ऐसे में नदी से उप खनिज नहीं निकलने से जहां सरकार को राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं गौला नदी से खनन से जुड़े लोगों को मिलने वाला रोजगार भी बंद हो चुका है. यही नहीं खनन बंद हो जाने के चलते नदी में काम करने वाले बाहर से आए मजदूर अब अपने घरों को लौटने को मजबूर हैं.
बताया जा रहा है कि नदी से उप खनिज खरीदने वाले स्टोन क्रशर संचालकों द्वारा खरीदी जाने वाली उप खनिज भंडारण अनुमति लक्ष्य पूरा हो चुका है. जिसके चलते स्टोन क्रशर स्वामी उप खनिज की खरीद नहीं कर रहे हैं.बताया जा रहा है कि इस वित्तीय वर्ष में सरकार द्वारा गौला नदी से 33 लाख घन मीटर उप खनिज की निकासी की जानी थी. जिसके सापेक्ष में अभी तक 24 लाख घन मीटर उपखनिज की निकासी हो पाई है, जबकि 9 लाख मीटर अभी भी उप खनिज की निकासी होनी बाकी है. ऐसे में अगर 9 लाख घन मीटर की उप खनिज की निकासी नहीं हुई तो सरकार को करीब 17 करोड़ का घाटा उठाना पड़ सकता है.
जिला खनन अधिकारी रवि नेगी ने बताया कि गौला नदी से 18 स्टोन क्रशर द्वारा उप खनिज की खरीद की जाती है. लेकिन नई नीति के तहत स्टोन क्रशर स्वामियों द्वारा उप खनिज खरीद की जाने वाली लक्ष्य पूरा कर लिया गया है. जिसके चलते नदी से खनिज का निकासी नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बताया कि नदी से बकाया उप खनिज की निकासी के लिए शासन को अवगत कराया जा चुका है. शासन द्वारा स्टोन क्रशरों की खरीद के लक्ष्य बढ़ाए जाने की स्थिति के बाद ही नदी से उप खनिज की निकासी हो सकेगा.
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बताया जा रहा है कि अगर गौला नदी से बकाया उप खनिज की निकासी नहीं हो पाया तो सरकार को राजस्व का नुकसान के साथ-साथ खनन से जुड़े कारोबारियों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ेगा.